नई दिल्ली। ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं?’, इस विषय पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने न्योता ठुकराते हुए कहा कि उन्हें घरेलू चुनौतियों के बारे में विदेशी मंच पर आवाज उठाने में कोई ईमानदारी नजर नहीं आती। एक अंतरराष्ट्रीय मंच और इस तरह का कदम एक ‘अपमानजनक कृत्य’ होगा। उन्होंने चर्चा में शामिल होने के निमंत्रण पर धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका मानना है कि यह विषय “पूर्वनिर्धारित निष्कर्ष” के साथ तय किया गया है उनका यह जवाब उस समय सामने आया है जब उनके चचेरे भाई और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लंदन में अपने बयानों को लेकर भारत में भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं। भाजपा ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को भारतीय लोकतंत्र के लिए “अपमानजनक” बताया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं’ इस विषय पर अप्रैल और जून के बीच चर्चा होने वाली है। इसमें बोलने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनियन के अध्यक्ष मैथ्यू डिक की ओर से भाजपा विधायक को न्योता दिया गया था। जिसे वरुण गांधी ने अस्वीकार कर दिया।
अपने जवाब में वरुण गांधी ने लिखा कि उनके जैसे नागरिकों को नियमित रूप से भारत में इस तरह के विषयों पर आसानी से चर्चा करने का अवसर मिलता है। वे सार्वजनिक चौक और प्रतिष्ठित संसद में सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों को देश के बाहर उठाना देशहित के लिए प्रतिकूल होगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनके जैसे राजनेताओं के बीच केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं बावजूद इसके हम सभी भारत के उत्थान के लिए एक ही रास्ते पर हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनियन के न्योते में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन ने भारत को वैश्विक मंच पर अधिक प्रमुखता दी है। वहीं दूसरी ओर, कृषि क्षेत्र के भीतर बढ़ते असंतोष को गलत तरीके से संभालने, धार्मिक समूहों के बीच संघर्ष को “उकसाने” और स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने में विफल रहने के लिए उनके प्रशासन की आलोचना की गई है।