हालात सामान्य होने तक म्यांमार के शरणार्थियों को नहीं भेजा जाएगा वापस: अमित शाह

अमित शाह

आइजोल। केंद्र फरवरी 2021 से राज्य में शरण लेने वाले म्यांमार के नागरिकों को तब तक निर्वासित नहीं करेगा, जब तक कि पड़ोसी देश में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा को यह जानकारी दी है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गुरुवार को दिल्ली में अपनी बैठक के दौरान शाह ने लालदुहोमा के साथ विदेशियों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने के महत्व पर चर्चा की। जिसे पिछली राज्य सरकार ने करने से इनकार कर दिया था। बयान में शाह के हवाले से कहा गया, ‘मैं मिजोरम के लोगों को बताना चाहता हूं कि केंद्र राज्य में शरण मांग रहे म्यांमार के नागरिकों को तब तक निर्वासित नहीं करेगा जब तक वहां स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।’

अधिकारियों के मुताबिक, फरवरी 2021 से म्यांमार के 31 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने देश में सैन्य तख्तापलट के बाद मिजोरम में शरण मांगी है। इनमें से अधिकांश नागरिक चिन समुदाय के हैं। जो मिजो के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं। उनमें से अधिकांश राहत शिविरों में रहते हैं। जबकि, अन्य को उनके रिश्तेदारों द्वारा समायोजित किया जाता है या किराए के घरों में रहते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री और लालदुहोमा ने मिजोरम घरेलू रजिस्टर रखरखाव विधेयक पर भी चर्चा की। जिसे वर्तमान में राष्ट्रपति से मंजूरी का इंतजार है। मार्च 2019 में पारित विधेयक का उद्देश्य विदेशियों की पहचान करना और पड़ोसी देशों से अवैध प्रवासियों की आमद को रोकना है। बयान में कहा गया है कि शाह ने लालदुहोमा को आवश्यक सुधार और सुधार करने के बाद विधेयक को फिर से प्रस्तुत करने की सलाह दी।

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