इतनी सुरक्षा तो कसाब को भी नहीं मिली थी; संजय राउत

संजय राउत

बिच्छू डॉट कॉम। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार का आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने वाला है। इस बीच संजय राउत ने एकनाथ शिंदे गुट पर तंज कसते हुए कहा है कि शिवसेना कभी विधायकों और सांसदों के भरोसे नहीं थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना तो कार्यकर्ताओं की पार्टी है। इसे कभी विधायकों और सांसदों ने नहीं बनाया बल्कि पार्टी के चलते लोग सांसद और विधायक बन गए। यही नहीं इस दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की सुरक्षा पर भी तंज कस दिया। उन्होंने कहा, ‘कभी शिवसेना में थे तो ये लोग शेर की तरह घूमते थे, लेकिन आज सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत पड़ रही है।’ संजय राउत ने कहा, ‘इतनी सुरक्षा तो कसाब को भी नहीं देनी पड़ी थी। मुंबई में इतनी सुरक्षा दी गई कि एक तरह से सेना तक को बुलाना पड़ गया। सत्ता से कभी पार्टी नहीं बनी थी बल्कि पार्टी है तो सत्ता आती और जाती रहती है। हमने कभी अपने लोगों पर अविश्वास नहीं जताया। राजनीति में विश्वास बहुत बड़ी चीज होती है, जो टूट चुका है। लेकिन हमारी हिम्मत और हौसला नहीं टूटा है। हम कभी सत्ता के आसपास नहीं घूमे। उन्होंने कहा कि ये लोग शेर की तरह घूमते थे और आज इनकी हालत क्या है। डरे-डरे घूम रहे हैं अब ये लोग। आप लोगों ने देखा ही होगा कि गुवाहाटी में कितनी सुरक्षा के बीच ये लोग थे।’

शिवसेना ने आज दोपहर को पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी के बागी नेताओं को लेकर चर्चा की जाएगी और शिवसेना को मजबूत करने पर विचार किया जाएगा। बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट ने बगावत करके पहले तो सरकार का गठन किया और अब पार्टी पर भी दावा ठोक रहा है। यही वजह है कि उद्धव ठाकरे लगातार संगठन को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। वह सीएम पद से इस्तीफे के बाद कई बार सेना भवन जा चुके हैं और कार्यकर्ताओं से बात कर चुके हैं। खासतौर पर बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना को मजबूत करने पर उनका फोकस है। इस बीच एनसीपी के नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने की भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अगले छह महीने में गिर सकती है। पवार ने रविवार शाम को एनसीपी विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में शामिल एनसीपी के एक नेता ने पवार के हवाले से कहा, ‘महाराष्ट्र में नवगठित सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है, इसलिए सभी को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।’ 

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