तेलंगाना में बीआरस नेताओं की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीआरएस विधायक हरीश राव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमें नजरबंद करके रखा गया था। तो कल अरिकापुडी गांधी को नजरबंद क्यों नहीं किया गया था। कल के हमले के लिए रेवंत रेड्डी और डीजीपी जिम्मेदार हैं। नुकसान पहुंचाने के बाद अब वे इसे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। बीआरएस विधायक ने आगे कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था कोई नामो-निशान नहीं है, दस दिन बीत चुके हैं और खम्मम में हम पर हमला करने वालों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जब हम शिकायत दर्ज कराने गए तो हमें गिरफ्तार कर लिया गया, घंटों घसीटा गया और महबूबनगर के जंगलों में ले जाया गया।
इस बीच, हत्या का प्रयास करने वाले अरीकापुडी गांधी को उसके समर्थकों के साथ पूरी सुरक्षा के साथ घर ले जाया गया। हमें पानी तक नहीं दिया गया, जबकि हमलावरों को थाने में बिरयानी खिलाई गई। कल के हमले के पीछे का मास्टरमाइंड सीएम रेवंत रेड्डी हैं। उनके निर्देश पर विधायक कौशिक रेड्डी के घर पर हमला किया गया। हमने तेलंगाना की प्रतिष्ठा की रक्षा और पुलिस की गरिमा बनाए रखने के लिए संयम बरता।
हरीश राव ने कहा कि तेलंगाना में कानून-व्यवस्था के बिगाड़ने के लिए पूरी तरह से मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जिम्मेदार हैं। यह शर्मनाक है कि इस बिगाड़ने में योगदान देने के बाद, अब वे हैदराबाद और तेलंगाना की ब्रांड इमेज के बारे में बात कर रहे हैं। विधायक गांधी को हमले करने के लिए किसने सुरक्षा मुहैया कराई? क्या यह रेवंत रेड्डी और डीजीपी नहीं थे? कल हमले क्यों नहीं रोके गए? जब पुलिस सुरक्षा में हमारे विधायक पर हमला हुआ, तो रेवंत को कानून-व्यवस्था की चिंता कहां थी? डीजीपी ने कार्रवाई क्यों नहीं की? यह सिर्फ गांधी का हमला नहीं था – इसे रेवंत रेड्डी ने ही अंजाम दिया था।