तिरुवनंतपुरम। केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) वामपंथी सरकार ने शुक्रवार को ओणम की सौगात दी है। राज्य सरकार ने 60 लाख से अधिक लाभार्थियों को दो महीने की पेंशन वितरित करने की घोषणा की है। राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि इसके लिए 1,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ओणम के लिए करीब 62 लाख लोगों को 3,200 रुपये मिलेंगे। यह राशि वर्तमान में दी जा रही एक महीने की पेंशन के अतिरिक्त होगी। इस निर्णय को वामपंथी सरकार के लोकसभा चुनावों के दौरान खोए अपने जनाधार को पुनः प्राप्त करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले, माकपा और उसके सहयोगी दलों ने लोकसभा चुनावों में अपनी हार के लिए बकाया भुगतान में देरी को जिम्मेदार ठहराया था और इसमें सुधार की सिफारिश की थी।
चुनावों में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को 18 सीटें मिलीं। इसके अलावा भाजपा ने राज्य के राजनीतिक इतिहास में पहली बार खाता खोला। बालगोपाल ने कहा, 26.62 लाख लोगों को पेंशन राशि अगले सप्ताह तक सीधे उनके बैंक खातों में मिलेगी, जबकि अन्य लोगों को सहकारी बैंकों के माध्यम से मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वीकृत दो अतिरिक्त माह की पेंशन में से एक बकाया भुगतान है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पहले विधानसभा को आश्वासन दिया था कि वित्तीय बाधाओं के कारण सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लंबित भुगतान इस वर्ष और अगले वर्ष किया जाएगा।
बालगोपाल ने दावा किया कि केरल ने भारत में सबसे व्यापक सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना लागू की है। इसके लिए आवश्यक धनराशि का 98 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से केवल दो प्रतिशत का योगदान दिया जाता है। 62 लाख कल्याण पेंशन लाभार्थियों में से 6.8 लाख लोगों को केंद्र सरकार से लगभग 300 रुपये की मामूली सहायता मिलती है। मंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, केरल में पेंशनभोगियों को प्रति माह 1,600 रुपये मिलते हैं।