एक ग्राम भी नशीली दवा भारत में नहीं आनी चाहिए: गृहमंत्री शाह

गृहमंत्री शाह

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र और राज्य सरकार की नारकोटिक्स टीम के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत में एक ग्राम भी नशीली दवा की आपूर्ति नहीं होगी। एनसीओआरडी या नार्को-समन्वय केंद्र की सातवीं बैठक में नारकोटिक्स टीम के अधिकारियों को नशीली दवाओं की आपूर्ति शृंखला को नष्ट करने के लिए कडे़ कदम उठाने के निर्देश दिए। गृहमंत्री ने हेल्पलाइन नंबर ‘1933’ भी लॉन्च किया। इस पर लोग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को मादक पदार्थों की तस्करी की जानकारी दे सकते हैं।

अमित शाह ने कहा कि पूरा ड्रग्स कारोबार अब नार्को आतंकवाद से जुड़ रहा है और इससे कमाया जा रहा पैसा देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है। उन्होंने कहा कि एजेंसियां इन ड्रग्स कारोबारियों और उपयोग करने वालों के पूरे नेटवर्क को उजागर करें। सरकार भारत में एक ग्राम भी नशीली दवा और ड्रग्स नहीं आने देगी। साथ ही ड्रग्स की तस्करी के लिए देश की सीमाओं का भी प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की आपूर्ति शृंखला के प्रति सख्त कार्रवाई की जाए। इसकी मांग में कमी लाने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण और नुकसान में कमी लाने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए। गृहमंत्री ने कहा कि यदि कोई नशीली दवा देश में भूमि, जल और वायु मार्ग के जरिये आती है तो उस पर नजर रखी जाए और अंतिम बिंदु तक जांच करके इसकी तस्करी का भंडाफोड़ किया जाए।

अमित शाह ने कहा कि बीते पांच साल में मोदी सरकार ने नशीली दवाओं के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी और कई सुधार किए। पहले एजेंसियों का मंत्र जानने की जरूरत था, लेकिन अब एजेंसियों को बदलाव करते हुए साझा करने के कर्तव्य के प्रति काम करने की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही नशीलें पदार्थों की प्रारंभिक जांच के लिए सस्ती किट लाएगी। जिससे एजेंसियों के लिए ड्रग तस्करी के मामले दर्ज करना आसान होगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे केवल युवा पीढ़ी को नशीली दवाओं से दूर रखकर ही पाया जा सकता है। गृहमंत्री ने एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट 2023 और नशा मुक्त भारत पर एक बुकलेट भी जारी की।

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