बंगलुरू। इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और कृष गोपालकृष्णन ने बुधवार को कहा कि देश में आईटी उद्योग को बेहतर बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों को शोध के लिए ज्यादा फंड की जरूरत है। लेकिन, इन संस्थानों का फंड के लिए पूरी तरह सरकार पर निर्भर होना अच्छी बात नहीं है।
यह बात नारायण मूर्ति ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ बदलाव करने होंगे। मसलन, भारत में आज भी शिक्षण संस्थानों को शेयर दान नहीं किए जा सकते हैं। नए-नए उद्यमी बने इन संस्थानों के पूर्व छात्र मदद करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास नगदी नहीं होती है, लेकिन वे अपनी कंपनी के शेयर दान कर सकते हैं। कंपनी जब आगे बढ़ेगी, तो इन शेयर पर संस्थान को भी लाभांश मिलेगा और बाद में जरूरत पड़ने पर इन शेयरों को बेचकर संस्थान नगदी भी जुटा सकते हैं।
नारायण मूर्ति ने अमेरिकी संस्थान एमआईटी, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड की मिसाल देते हुए कहा कि इन संस्थानों को इनके पूर्व छात्र अरबों रुपये दान करते हैं और यहां प्रायोजित शोध किए जा रहे हैं। लेकिन, भारत में आईआईटी जैसे तमाम संस्थान आज भी वित्तीय जरूरतों के लिए पूरी तरह से सरकार पर निर्भर हैं। यहां के पूर्व छात्रों को आईटी उद्योग की उन्नति के लिए आगे बढ़कर योगदान देना चाहिए।