नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में रेलवे के लिए 2030 का ब्लू प्रिंट पेश किया है। यात्रियों की बड़ी तादाद को देखते हुए 2030 तक वेटिंग टिकट का झंझट खत्म करने का रोड मैप तैयार किया गया है। इतना ही नहीं एक हजार करोड़ लोगों को सफर कराने की व्यवस्था होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 11 लाख करोड़ रुपया तीनों बड़े कॉरीडोर पर खर्च किए जाएंगे। एनर्जी इकॉनमी कॉरिडोर, रेल सागर और अमृत चतुर्भुज कॉरिडोर की कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी। इसके तहत 40,900 रूट किमी नया ट्रैक बिछेगा। जो पूरे जर्मनी में रेलवे बिछे रेलवे नेटवर्क के बराबर होगा। इसके तहत दोहरीकरण, तीहरीकरण यहां तक कि पांचवी रेलवे लाइन भी बिछाई जाएगी।
वैष्णव ने बताया कि स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन मार्च महीने से रेलवे ट्रैक पर दौड़ने लगेगी। फिलहाल इस तरह की 10 ट्रेन सेट बनकर तैयार हो गई है। जल्द ही इसका ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। यह ट्रेन लंबी दूरी के लिए होगी और राजधानी ट्रेन की जगह लेगी। संभव है कि दिल्ली-कोलकाता व दिल्ली-मुंबई के बीच इस ट्रेन का रूट तय किया जाए। उन्होंने मीडिया से ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (कवच) से भी अवगत कराया। बताया कि पूरी दुनिया में इस तकनीक से 1990 में रेलवे ट्रैक को लैस कर लिया गया था। भारत में इसकी स्वीकृति 2016 में मिली।
वैष्णव ने बताया कि 2030 तक एक हजार करोड़ लोग ट्रेन से सफर कर सकेंगे। फिलहाजा 700 करोड़ लोग सफर करते है। विकसित भारत में रेलवे कैसा होगा इसकी नींव अंतरिम बजट में डाली गई है। इसके अलावा साधारण श्रेणी वाले कोच को 15,200 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधा यात्रियों को मिलेगी।