कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अपनी सीमाएं स्वीकार करे: तृणमूल

कोलकाता। 28 विपक्षी पार्टियों के गठजोड़- इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन का दौर जारी है। किस प्रदेश में किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी? इस पर पेंच फंसा हुआ है। पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर अधिक सीटों की मांग कर रही कांग्रेस को टीएमसी ने एक बार फिर साफ संदेश दिया है। शनिवार को हुई वर्चुअल बैठक से दूर रही तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को अपनी सीमाएं स्वीकार करनी चाहिए।

टीएमसी ने कहा कि वह गठबंधन के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को समझना होगा कि पश्चिम बंगाल में उसका जनाधार कमजोर है। सूत्रों के मुताबिक टीएमसी ने प्रदेश की 42 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल दो सीटें देने का ऑफर दिया है, जिसे कांग्रेस ने नाकाफी करार दिया है। टीएमसी ने शनिवार को दोहराया कि कांग्रेस पार्टी को पश्चिम बंगाल की राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए टीएमसी का साथ देना चाहिए।

गठबंधन में हो रही चर्चा के वाकिफ एक टीएमसी सांसद ने शनिवार को कहा, उनकी पार्टी और सीएम ममता बनर्जी, विपक्षी गठबंधन- INDIA के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीजेपी को हराने के लिए पार्टी साथ मिलकर काम करना भी चाहती है। हालांकि, हम ईमानदारी से चाहते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व अपनी सीमाओं और कमजोरियों को भी स्वीकार करे। इस सियासी लड़ाई में कांग्रेस की बंगाल इकाई को टीएमसी का पूरा समर्थन करना चाहिए।

खबरों के मुताबिक टीएमसी ने शुक्रवार को कहा था कि ममता बनर्जी वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी क्योंकि उनके अन्य कार्यक्रम पहले से तय हैं। पार्टी ने साफ किया कि केवल 16 घंटे पहले मिली सूचना के आधार पर सीएम ममता अपने कार्यक्रम में फेरबदल नहीं कर सकेंगी। तणमूल ने कहा, INDIA गठबंधन की बैठक के बारे में उन्हें बताया गया कि ममता के बदले कोई दूसरा शामिल नहीं हो सकता क्योंकि हर घटक दल से केवल एक व्यक्ति को ही अनुमति मिलेगी। इससे पहले एक अन्य बयान में  टीएमसी ने कहा था कि वह आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति की बैठकों में शामिल नहीं होगी। टीएमसी के मुताबिक वह कांग्रेस को पहले ही अपना रूख बता चुकी है।

पिछले हफ्ते टीएमसी के लोकसभा सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी कांग्रेस के साथ राजनीतिक सहयोग करने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया था कि बातचीत विफल रहने की सूरत में टीएमसी अकेले चुनाव लड़ेगी। दोनों दलों की कथित तल्खी का संकेत उस समय भी मिला जब पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी टीएमसी से सीटों की ‘भीख’ नहीं मांगेगी। अधीर को टीएमसी का मुखर आलोचक माना जाता है। पार्टी के आंतरिक संवाद और राजनीतिक घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के मुताबिक टीएमसी INDIA में प्रतिबद्धता के कारण कांग्रेस के साथ अधिकतम तीन से चार सीटें साझा करने पर विचार कर सकती है। प्रदेश की कुल 42 सीटों में लोकसभा चुनाव 2019 में टीएमसी को 22, जबकि बीजेपी को 18 सीटें मिलीं। कांग्रेस के खाते में केवल दो सीटें आईं। बहरामपुर सीट से अधीर रंजन चौधरी, जबकि मालदा दक्षिण से पूर्व केंद्रीय मंत्री अबू हासेम खान चौधरी जीते।

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