इंफाल। मणिपुर के उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने हथियार डालकर हाल ही में सरकार के साथ शांति समझौता किया है। इस पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने खुशी जताते हुए कहा कि अगर कोई शुरुआत हुई है तो उसका अंत भी होगा। ऐसे ही अगर कोई संघर्ष है तो उसका राजनीतिक समाधान भी होगा। मणिपुर के लोगों की मदद से मणिपुर सरकार, केंद्र सरकार ने यूएनएलएफ के साथ शांति समझौता किया है।
मणिपुर सीएम ने यूएनएलएफ के साथ शांति समझौते के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और ये उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में और उग्रवादी संगठन हथियार छोड़कर शांति वार्ता में शामिल होंगे। बता दें कि मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी संगठन यूएनएलएफ ने 29 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान यूएनएलएफ के कई सदस्य और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला मौजूद रहे। समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद सीएम एन बीरेन सिंह शनिवार को मणिपुर लौटे। सीएम का पार्टी नेताओं और विधायकों ने जोरदार स्वागत किया।
इस दौरान सीएम ने कहा कि यह मणिपुर के लिए ऐतिहासिक है। यूएनएलएफ का गठन 1964 में हुआ था और तब से अब तक कोई शांति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई थी। सौभाग्य से इस बार यह हुई। इस शांति समझौते के साथ ही छह दशक लंबे हथियारबंद अभियान का अंत हो गया। सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में कई और उग्रवादी संगठन भी हथियार छोड़ सकते हैं। इससे राज्य में शांति आएगी और राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। बता दें कि यूएनएलएफ घाटी आधारित उग्रवादी संगठन है।