पुणे। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे के तेवर सख्त दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को पुणे जिले के राजगुरुनगर में एक विशाल रैली को संबोधत करते हुए उन्होंने कहा, जब तक मराठाओं को आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक वह एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। संबोधन के दौरान मनोज जरांगे ने अपनी मांग को फिर दोहराया। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। ताकि इसका उन्हें लाभ मिल सके।
राजगुरुनगर में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने समुदाय के लोगों से हिंसा या आत्महत्या जैसा कोई कदम न उठाने की भी अपील की। उन्होंने कहा, गुरुवार को हमारे एक भाई सुनील कावले ने मुंबई में आरक्षण की मांग करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पिछले एक महीने से अधिक समय में समुदाय के 16 लोगों ने ऐसे कृत्य को अंजाम दिया। अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। जरांगे ने कहा, अगर सरकार पहले ही मराठों को आरक्षण देने पर सहमत हो जाती, तो इन मौतों को टाला जा सकता था। उन्होंने कहा, वह रविवार को आंदोलन की आगे की रणनीति बताएंगे।
संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, हमने यह आंदोलन 29 अगस्त को शुरू किया था। लड़ाई आज भी जारी है। अब इस आंदोलन को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है। मैंने सभी को अपना वचन दे दिया है कि आरक्षण शांतिपूर्ण तरीके से ही लिया जाएगा। जब तक समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा।
बता दें जरांगे ने राज्य सरकार को 24 अक्तूबर तक का समय दिया था जब उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी और कहा था कि वह आगे की कार्रवाई के बारे में 22 अक्तूबर को बोलेंगे। उन्होंने शुक्रवार को रैली में इस योजना को दोहराया। वहीं उनकी भूख हड़ताल के बाद सरकार मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पात्र मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने पर सहमत हुई थी।