नई दिल्ली। देश के 75 प्रतिशत गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके है और ये लक्ष्य समय से पूर्व हासिल कर लिया गया है। सरकार ने 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन के द्वितीय चरण में इस लक्ष्य को प्राप्त करने संकल्प रखा था। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को ये दावा किया। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के तहत इन गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है। ऐसे गांवों की संख्या 4.43 लाख से अधिक हो चुकी है।
गौरतलब है कि ओडीएफ प्लस वह गांव हैं, जिन्होंने ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू किया है। इन गांवों को खुले में शौच मुक्त की स्थिति को बरकरार रखा है। इसमें केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार दीप समूह, दादरा नगर हवेली, गुजरात, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, पुडुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा हैं। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की नींव रखी थी, उसके बाद स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए 2019 में द्वितीय चरण में स्वच्छता को सच्चा जन आंदोलन बनाने लक्ष्य के साथ ओडीएफ प्लस मिशन की शुरुआत की थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ओडीएफ प्लस के तहत 2025 तक सभी गांव को शत प्रतिशत इस लक्ष्य को प्राप्त करना है। इसमें देश के 4,43,964 गांव में से 2,92,497 गांव ओडीएफ हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था वाले महत्वाकांक्षी गांव 55,549 हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने अपने 9 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है। इसमें न केवल उन्होंने स्वच्छता मिशन के संपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त किया है, बल्कि अब तरल और ठोस कचरा प्रबंधन में भी देश के गांव तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएमजी) फंड के उच्च खर्च वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश है, जिसमें सबसे अधिक 12,014 करोड़ रुपए इसके बाद बिहार जिसने 752 करोड़ रुपये तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जिसने 367 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।