मुंबई। महाराष्ट्र में इन दिनों सियासी बयानबाजी चरम पर है। शरद पवार के रोटी वाले बयान के बाद एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर बड़ा दावा किया था। जिसपर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कटाक्ष किया है। उन्होंने जयंत को जवाब देते हुए कहा कि दिन में सपने देखने में कुछ भी खर्च नहीं होता। आगे उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुनी गई पार्टी सत्ता में आएगी महज दावा करने से कुछ नहीं होता। वहीं दूसरी ओर, एक जनसभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी गालियां गिनाते फिर रहे हैं, भाजपा के लोग मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ बोलते हैं तो आप चुप क्यों हैं।
पाटिल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने कहा कि कोई भी दिन में सपना देख सकता है। इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं होने जा रहा। ऐसे में अभी इस तरह के बयान देने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में और भी मुद्दे हैं, इसलिए इस बेमतलब के मुद्दे पर बात करने के बजाय दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई ‘जहरीले सांप’ वाली टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। इसके बारे में बोलते हुए पटोले ने कहा कि ये लोग हर दिन राहुल गांधी को गाली देते हैं।
मुंबई के बीकेसी ग्राउंड में वज्रमूठ जनसभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक में कहा कि कांग्रेस ने उन्हें 91 बार गालियां दी हैं। हम इसका समर्थन नहीं करते, लेकिन भाजपा के लोग मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ बोलते हैं इसपर आप चुप क्यों हैं। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर, भाजपा के लोग चुप नहीं हुए तो हम भी करारा जवाब देंगे। महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस की सरकार बनने के बाद पहली बार मुंबई आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा था कि उद्धव ठाकरे ने विश्वासघात किया है। उन्हें जमीन दिखाएं। शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे ने अमित शाह के इस बयान पर भी जवाब दिया। उद्धव ने पलटवार करते हुए कहा कि राजधानी के रूप में मुंबई हमें खुशी से नहीं मिली है। मुंबई महाराष्ट्र की वह पूंजी है जिसे हम सभी ने लड़कर हासिल किया है। उन्होंने सीएम शिंदे को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि गद्दारी से मिली गद्दी का इस्तेमाल सत्तामद में न करें।