नई दिल्ली। वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी की सातवीं श्रृंख्ला के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया के देशों को पता चल गया है कि कोई देश कितना बड़ा और विकसित है, इससे फर्क नहीं पड़ता। अगर वह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है तो उसका विकास बाधित हो सकता है। भारत एथेनॉल, बायोफ्यूल और बायोगैस जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा दे रहा है। देश कार्बन उत्सर्जन को भी खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है और इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऊर्जा में आत्मनिर्भरता के लिए यूक्रेन युद्ध का उदाहरण इसलिए दिया क्योंकि इस युद्ध के चलते रूस और यूरोपीय देशों के रिश्ते बिगड़ गए हैं। प्रतिबंधों के चलते रूस जर्मनी समेत यूरोपीय देशों को प्राकृतिक गैस का निर्यात नहीं कर रहा है। इससे यूरोप में ऊर्जा संकट गहरा गया था और महंगाई भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। यही वजह है कि दुनिया में ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर पूरी दुनिया का ध्यान गया है।
इससे पहले मंगलवार को राजनाथ सिंह पुणे में आयोजित हुए इंडिया अफ्रीका आर्मी चीफ कॉन्कलेव में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और अफ्रीका मेरीटाइम पड़ोसी हैं और क्षेत्रीय शांति के लिए दोनों पड़ोसियों का मेरीटाइम सिक्योरिटी, आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए सहयोग जरूरी है।