गृह मंत्री के साथ बैठक में मुद्दे पर साफ करेंगे राज्य का रुख: बोम्मई

गृह मंत्री

मैसूर/बिच्छू डॉट कॉम। महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के मुद्दा इन दिनों गरमाया हुआ है। इसे लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष शिंदे सरकार के खिलाफ तल्ख रुख अपनाए हुए हैं। इस बीच, दोनों राज्यों के बीच सुलह कराने के लिए और सीमा विवाद को शांति से हल कराने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल यानी बुधवार को दोनों राज्यों के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर राज्य का रुख स्पष्ट करेंगे। गौरतलब है कि यह बैठक कल शाम दिल्ली में हो सकती है

बोम्मई ने सीमा विवाद पर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया है, जहां हम अपना रुख स्पष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में मैं राज्य पुनर्गठन अधिनियम के बाद अब तक हुए सभी घटनाक्रमों के बारे में विवरण साझा करूंगा। मैसूर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम बोम्मई ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों, राज्य पुनर्गठन अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विवाद के बारे में दायर याचिका पर भी विस्तार से बताएंगे।

गौरतलब है कि दोनों राज्यों के बीच चल रहा सीमा विवाद पिछले हफ्ते तब तेज हो गया था जब महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री शंभूराज देसाई और चंद्रकांत पाटिल बेलगावी का दौरा करने वाले थे। उनके इस दौरे के बाद वहां व्यापक विरोध हुआ था जिसके बाद दोनों मंत्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी। दोनों मंत्री महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मुलाकात और दशकों पुराने सीमा मुद्दे पर उनके साथ बातचीत करने वाले थे। हालांकि उनके यात्रा रद्द करने के बाद भी विवाद शांत नहीं हुआ और दोनों ओर के परिवहन वाहनों को अराजक तत्वों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था। इस बीच, कई लोगों को पुलिस ने बेलगावी के सीमावर्ती जिले में तनावपूर्ण माहौल के बीच हिरासत में भी लिया था। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने फोन पर एक-दूसरे से बात की थी। इस दौरान दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों पक्षों में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।

गौरतलब है कि कर्नाटक के 814 गांवों के 7,000 वर्ग किमी क्षेत्र में मराठीभाषी रहते हैं। महाराष्ट्र इस हिस्से को अपने राज्य में मिलाना चाहता है। दोनों राज्यों के बीच इस मुद्दे पर 1956 से विवाद जारी है। 2004 से सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पेंडिंग है। केंद्र सरकार ने महाजन आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले साल बयान दिया था कि बेलगाम समेत कुछ इलाके कर्नाटक ऑक्युपाइड महाराष्ट्र हैं। इस पर कर्नाटक में हिंसक प्रदर्शन हुए। शांति बहाल करने के लिए कोल्हापुर से बेलगाम का संपर्क तोड़ना पड़ा था।

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