अदालतों में लंबित मामले दो महीने में हो सकते हैं पांच करोड़: किरण रिजिजू 

किरण रिजिजू 

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। अदालतों में लंबित मामलों की संख्या को लेकर कानून मंत्री किरण रिजिजू ने एक बार फिर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कुछ महीनों में पांच करोड़ के आंकड़े को छू सकती है और कहा कि हालांकि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में कमी आने की संभावना है, असली चुनौती निचली अदालतों में है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के निशान की ओर बढ़ रही है और निचली अदालतों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचा भी एक चिंता का विषय बना हुआ है। कुछ महीने पहले तक 4.83 करोड़ लंबित मामले आंका गया था।

उन्होंने कहा कि जब हम संख्याएं लेते हैं तो मैं अड़चन के बारे में विश्लेषण करने की कोशिश करता हूं। यह पांच करोड़ लंबित होने की ओर बढ़ रहा है। यह बड़ी चिंता का विषय है। रिजिजू ने कहा कि उन्हें संसद और अन्य जगहों पर लंबित मामलों पर जवाब देना है। उन्होंने कहा कि इसका जवाब देना मेरे लिए वास्तव में मुश्किल है। मौजूदा दर पर, पांच करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में शायद कुछ और महीने लगेंगे, जो अच्छा नहीं लगता। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित मामले कम हो जाएंगे, लेकिन असली चुनौती निचली अदालतों में है। निचली अदालतों में बुनियादी ढांचा मेरे लिए एक वास्तविक चुनौती है और यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि एक डिजिटल न्यायपालिका का न्याय वितरण तंत्र पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। 

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