बिच्छू डॉट कॉम। राजमा चावल एक ऐसी डिश है जिसे खाने के लिए शायद ही कोई मना करता है। इसे कई लोग चावल के साथ तो कई रोटी के साथ खाना पसंद करते हैं। पोषण विशेषज्ञ के मुताबित राजमा को कम मात्रा में सफेद चावल या चपाती के साथ खाने से डायबिटीज वाले लोगों के लिए हेल्दी फूड हो सकता है। पोषक तत्वों, फाइबर और प्रोटीन, राजमा जीआई (ग्लाइकेमिक इंडेक्स) वाला खाना है जो सही पोषण दे सकता है और डायबिटीज वाले लोगों में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है।
डाइट में क्यों शामिल करें राजमा
– दिल स्वास्थ्य के लिए हेल्दी हैं।
– ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है।
-वजन घटाने में सहायता करता है।
-हड्डियों को मजबूत करता है और यहां तक कि कैंसर के खतरे को भी रोकता है।
हड्डियां होंगी मजबूत
हाई फाइबर और प्रोटीन से भरपूर इसे एक संपूर्ण वजन घटाने वाला खाना बनाती है। जबकि आवश्यक मिनरल्स, कैल्शियम और मैग्नीशियम की प्रचुरता हड्डियों को मजबूत करने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकती है।
डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद
पोषण विशेषज्ञ भुवन रस्तोगी के मुताबिक राजमा प्रोटीन में मध्यम रूप से हाई और फाइबर में ज्यादा हाई होता है। इसमें मौजूद 30-40% कार्ब्स धीमी गति से पचते हैं। यही कारण है कि राजमा सभी खाद्य पदार्थों में सबसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स में से एक है, और डायबिटीज की डाइट में शामिल करने के लिए अच्छा है। राजमा आपके पेट के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मददगार होता है।
राजमा में मौजूद हाई फाइबर आंत के बैक्टीरिया को बढ़ाने और आंत के स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है। हर दिन लगभग 25 से 30 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। विशेषज्ञ का कहना है कि सभी पचने योग्य कार्ब्स में से राजमा में एमाइलोज की हाई मात्रा होती है जो धीरे-धीरे पचती है।
राजमा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
55 से नीचे जीआई कम माना जाता है। जबकि राजमा का जीआई 24 है। वहीं ओट्स 55 है, गेहूं की चपाती 52 है। इसलिए राजमा और रोटी के संयोजन के साथ भी, आपके पास अभी भी कम जीआई है। राजमा में पोषण कि बात करें तो 1 कप 240 मिली पकी हुई राजमा में 15 ग्राम प्रोटीन, 1 ग्राम से कम फैट, 11 ग्राम फाइबर, 29 ग्राम कार्ब्स।