जीवनशैली में बदलाव मधुमेह रोकने में कारगर

 मधुमेह

बिच्छू डॉट कॉम। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जीवनशैली में गहन हस्तक्षेप से उच्च जोखिम वाले प्रीडायबिटीक व्यक्तियों में डायबिटीज (मधुमेह) को रोकने में मदद मिलती है। अध्ययन का निष्कर्ष ‘डायबिटीज’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। यदि रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक है, लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचा है, तो इसे प्रीडायबिटीज कहा जाता है। अध्ययन में विशेष रूप से, उच्च जोखिम वाले प्रीडायबिटीज वाले व्यक्तियों को गहन जीवनशैली हस्तक्षेप से लाभ हुआ। यह अध्ययन जर्मन सेंटर फॉर डायबिटीज रिसर्च (डीजेडडी) द्वारा जर्मनी के 8 केंद्रो पर किया गया था।

अध्ययन के अनुसार,अधिक व्यायाम और स्वस्थ खाने की आदत प्रीडायबिटीज वाले लोगों को उनके रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य करने और टाइप 2 मधुमेह से बचाव में मदद करता है। हालांकि, पारंपरिक जीवनशैली हस्तक्षेप (एलआई) से सभी को लाभ नहीं होता है। जर्मनी में विभिन्न अध्ययन स्थलों पर प्रीडायबिटीज वाले कुल 1,105 व्यक्तियों की जांच की गई और इंसुलिन स्राव, इंसुलिन संवेदनशीलता और यकृत वसा सामग्री के आधार पर इन्हें एक उच्च जोखिम या कम जोखिम वाले फेनोटाइप में रखा रखा गया।

82 प्रतिशत प्रतिभागियों ने इस अध्ययन को पूरा किया। उच्च जोखिम वाले व्यक्ति बहुत कम इंसुलिन का उत्पादन करते हैं या इंसुलिन प्रतिरोध के साथ फैटी लीवर से पीड़ित होते हैं। परिणामों से पता चला कि अधिक व्यायाम, यानी अधिक गहन जीवनशैली हस्तक्षेप (एलआई)उच्च जोखिम वाले लोगों को उनके रक्त शर्करा और कार्डियोमेटाबोलिक स्तरों में सुधार करने में मदद करता है और यकृत की वसा की मात्रा को सामान्य सीमा के भीतर कम करता है। वहीं कम जोखिम वाले प्रतिभागियों ने केवल एक बार संक्षिप्त परामर्श प्राप्त कर एक पारंपरिक एलआई पूरा किया। शोधकर्ताओं ने कहा, तीन वर्षों के बाद, पारंपरिक एलआई वाले प्रतिभागियों में नियंत्रण समूह की तुलना में ग्लूकोज सहनशीलता सामान्य होने की अधिक संभावना थी। लेकिन परीक्षण के बाद बता चला कि दोनों प्रकार के प्रतिभागियों में इंसुलिन संवेदनशीलता और स्राव, यकृत वसा सामग्री और कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम में शायद ही कोई अंतर था।

अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि जोखिम फेनोटाइप के आधार पर एक व्यक्तिगत एलआई मधुमेह की रोकथाम के लिए फायदेमंद है। अध्ययन के पर्यवेक्षक प्रोफेसर एंड्रियास फ्रित्शे ने कहा कि हमें भविष्य में उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान करने और उन्हें गहन जीवनशैली हस्तक्षेप प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।इससे उन्हें मधुमेह रोकने में मदद मिलेगी।

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