वाशिंगटन। लेबनान की राजधानी में हिजबुल्ला के सदस्यों के हजारों पेजर में विस्फोट हुआ है। इस धमाके में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2750 से ज्यादा हिजबुल्ला के सदस्य घायल हुए हैं। हिज्बुल्ला ने पेजर विस्फोट के लिए इस्राइल को दोषी ठहराया है। इस विस्फोट के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और गहरा गया है। वहीं, इसे लेकर अब अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि उनके देश की इसमें कोई संलिप्तता नहीं हैं। अमेरिका मामले में जानकारी इकट्ठी कर रहा है। मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका इसमें शामिल नहीं था। अमेरिका को इस घटना के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। हम इस घटना पर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। आगे जब उनसे पूछा गया कि पेजर में विस्फोट को लेकर अमेरिका ने क्या जानकारी इकट्ठी की है तो उन्होंने कहा कि हमारे पास सार्वजनिक करने वाली जनकारी नहीं हैं। हम इस बारे में उसी तरह से पता कर रहे हैं जैसे कि दुनियाभर के पत्रकार।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अमेरिका को लगता है कि इस घटना में इस्राइल की संलिप्तता है?इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस बारे में हमारे पास किसी भी तरह का कोई आकलन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआती दौर में वह किसी भी घटना के असर पर अटकलें नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच संघर्ष का कूटनीतिक समाधान देखना चाहता है। आगे जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका इस्राइल को क्या संदेश देना चाहता है तो मैथ्यू मिलर ने कहा कि मैं कभी भी किसी एक घटना के प्रभाव के बारे में टिप्पणी या अटकलें नहीं लगाना चाहता, खासकर घटना के शुरुआती चरणों में। ऐसा करने से बचना हमारी नीति रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच संघर्षविराम का एक राजनयिक समाधान चाहत है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसे संकेत हैं कि लेबनान में ईरानी राजदूत के घायल होने की रिपोर्टों को देखते हुए ईरान फायदा उठा सकता है? इस पर मैथ्यू मिलर ने कहा कि वह उन रिपोर्टों की पुष्टि होने तक अटकलें नहीं लगाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान से आग्रह करेगा कि वह किसी भी घटना का फायदा उठाकर क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश न करे। मैथ्यू मिलर ने कहा कि मैंने रिपोट्स देखी हैं। मैं रिपोर्ट की पुष्टि होने से पहले इसके निहितार्थों के बारे में बात नहीं करना चाहता। हम ईरान से आग्रह करेंगे कि वह किसी भी घटना, किसी भी अस्थिरता का फायदा न उठाए।
लेबनान में हिज्बुल्ला संगठन के सदस्यों को निशाना बनाता हुआ सबसे बड़ा हमला हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हमले में न किसी हवाई जहाज का इस्तेमाल हुआ और न ही बंदूकों या बम का। बल्कि इस बार निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल हुए पेजर। चौंकाने वाली बात यह है कि हिज्बुल्ला के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए इस सुरक्षित तकनीक को ही घातक बना दिया गया। बताया गया है कि लेबनान में एक ही समय पर एक साथ हजारों पेजर फट गए। इनमें हिज्बुल्ला के सैकड़ों सदस्यों के घायल होने की खबर है। जख्मियों में लेबनान में ईरान के राजदूत मोज्तबा अमानी भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो हिज्बुल्ला सदस्यों को निशाना बनाते हुए यह हमला राजाधानी बेरूत के उपनगरीय क्षेत्र दाहिये में हुआ। हमले में लेबनान की बेका घाटी के अली अल-नाहरी और रियाक के शहर को निशाना बनाया गया। इसके अलावा दक्षिणी लेबनान के सिदोन और टायर शहर में भी कई पेजर में धमाकों की आवाजें सुनीं गईं।