यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी शांति स्थापना पर निर्भर: रुबियो

रुबियो

वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता की संभावना के बारे में चल रही चर्चाओं पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस समय की प्राथमिकता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की मेज पर लाना है। रुबियो ने एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी शांति स्थापना पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा आश्वासन तभी सार्थक हो सकते हैं, जब पहले शांति समझौता हो। रुबियो ने कहा, ‘सुरक्षा गारंटी- जिसे मैं निवारण कहना पसंद करता हूं- सभी शांति होने पर निर्भर हैं। हर कोई शांति के लिए सुरक्षा गारंटी की बात कर रहा है, लेकिन हमें पहले शांति स्थापित करनी होगी। हालांकि, हम नहीं जानते कि शांति संभव है या नहीं।’ मार्को रुबियो ने आगे कहा कि यूक्रेन के लोगों को यह बात समझ में आ गई है, और यही हमारी रणनीति है। हमारा लक्ष्य पुतिन को बातचीत की मेज पर लाना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम उन्हें बातचीत के लिए ला सकते हैं?

रुबियो ने ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बहस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए था, जिससे बैठक में बाधा उत्पन्न हो, लेकिन दु्र्भाग्य से जेलेंस्की ने यही किया। उन्होंने हर मुद्दे पर यूक्रेन को समझाने का हर अवसर ढूंढा। जब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि यहां लक्ष्य कूटनीति का है, तो वह तुरंत कूद पड़े और उपराष्ट्रपति को चुनौती दी।

रुबियो ने शांति समझौते में शामिल जटिलताओं को स्वीकार करते हुए कहा कि पुतिन एक आसान वार्ताकार नहीं होंगे, लेकिन हमें यह जानने के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए कि क्या कुछ संभव है। रुबियो ने कहा कि हम बस यही पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शांति संभव है। उन्होंने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि क्या हमें यह देखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि युद्ध को समाप्त करने का कोई तरीका है, जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो और स्थायी व टिकाऊ हो।

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