यूक्रेन में शांति बहाली जरूरी:  अमेरिका

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वॉशिंगटन/बिच्छू डॉट कॉम। अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम भारत से सहमत हैं कि यूक्रेन में शांति बहाली जरूरी है। हम यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के समर्थन का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी की इस बात से भी सहमत हैं कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। जी20 शिखर सम्मेलन में भी यही आवाज उठी थी। नेड प्राइस ने कहा कि रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए हम क्या कर सकते हैं, अमेरिका इस संबंध में भारत के साथ नियमित रूप से संपर्क में हैं। भारत और अमेरिका दोनों एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की प्रतिबद्धता साझा करते हैं, जो क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि यह भारत के साथ हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के केंद्र में है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम यूक्रेन पर रूस के क्रूर आक्रमण के सवाल पर भारत सहित अपने सभी सहयोगियों और साझेदारों के साथ बहुत गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन में अत्याचारों के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने की जरूरत को मजबूती से स्वीकार करता है।

वहीं, चीन ने दक्षिण चीन सागर की विवादित चौकियों पर एक बार फिर दावा करने के साथ सैन्यीकरण की कोशिशें शुरू की हैं। चीन के इन भड़काऊ कदमों पर अमेरिका ने गंभीर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि चीन की इस कोशिश से क्षेत्र में शांति व सुरक्षा को खतरा है। चीन दक्षिण सागर में अवैध एजेंडा लागू करना चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता प्राइस ने कहा, इस समुद्री इलाके में उसके भड़काऊ कार्यों, जबरदस्ती और डराने-धमकाने की मंशा से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर पर दावों के लिए कोई ठोस व सुसंगत कानूनी आधार पेश नहीं किया है। दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधियां रोजमर्रा की चर्चा का विषय हैं।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के अगले सप्ताह अमेरिकी दौरे पर जाने से पहले दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच रक्षा सहयोग को लेकर वार्ता होगी। किशिदा जी-7 देशों के अपने दौरे के अंतिम चरण में अमेरिका पहुंचेंगे। किशिदा छह देशों की अपनी यात्रा सोमवार को शुरू करेंगे और  13 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलेंगे।

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