पीएम मोदी भारत बदलाव की अहम आवाज: मिशेल ग्रिफिन

न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। पीएम मोदी शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में भाग लेंगे और भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित भी करेंगे। ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यूएन 2025 में अपनी स्थापना के 80वें वर्ष में प्रवेश करेगा। ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ की निदेशक मिशेल ग्रिफिन ने भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि, भारत इस सम्मेलन में परिवर्तन की प्रमुख आवाज है। हम बेहद ही उत्साहित है कि पीएम मोदी आ रहे हैं। भारत विश्व पटल पर एक प्रमुख आवाज है और वैश्विक दक्षिण की महत्वपूर्ण आवाज है। इस शिखर सम्मेलन का एक बड़ा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर वैश्विक दक्षिण के लोगों का प्रतिनिधित्व अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ सके।

ग्रिफिन ने कहा कि, चाहे वह सुरक्षा परिषद में सुधार हो या सुरक्षा परिषद कैसे काम करती है या अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कैसे काम करती है, इस पर विचार करना हो। इस शिखर सम्मेलन में जिस तरह के बदलाव लाने की बात कही गई है, उसके लिए भारत एक प्रमुख आवाज रहा है। हम बहुत उत्साहित हैं कि प्रधानमंत्री आ रहे हैं और वह आवाज़ बनेंगे। न्यूयॉर्क में हो रहे इस सम्मेलन में दुनियाभर के कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन पूरी दुनिया के नेताओं को एक साथ लाता है ताकि बेहतर वर्तमान बनाने और भविष्य को सुरक्षित करने के बारे में नई अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाई जा सके। सम्मेलन की निदेशक मिशेल ने कहा कि, भारत की आवाज अहम है, वह हमेशा पूरी दुनिया में शांति अभियानों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहा है।

ग्रिफिन ने कहा कि, इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूरे विश्व में विश्वास को बहाल करना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की कार्यप्रणाली स्थिर करना है। हम इस बात की संभावनाएं तलाश रहे हैं कि, वैश्विक स्तर पर एक साथ मिलकर कैसे काम कर सकते हैं, ताकि हम अपने द्वारा पहले से किए गए सभी वादों को पूरा कर सकें, अपने लिए पहले से निर्धारित सभी लक्ष्यों को पूरा कर सकें। इसके अलावा हम भविष्य में आने वाली सभी चुनौतियों, जोखिमों और अवसरों को भी देख रहे हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठन उन चुनौतियों के लिए तैयार हो। हम केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए उन सभी अवसरों का दोहन करने के लिए भी तैयार हैं।

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