उत्तर कोरिया। उत्तर कोरिया पर आरोप लगा है कि वह बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी की चोरी कर रहा है। साथ ही आरोप है कि उत्तर कोरिया डिफेंस कंपनियों और विदेशी एयरोस्पेस कंपनियों के नेटवर्क को भी निशाना बनाकर वहां से संवेदनशील डाटा चुराने की कोशिश कर रहा है। एक स्वतंत्र निगरानी संस्था ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद को यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया साइबर फाइनेंस और हथियारों के प्रोग्राम्स के डिजिटल नेटवर्क में लगातार परिष्कृत साइबर तकनीक की मदद से सेंधमारी कर संवेदनशील डाटा चुराने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में ही उत्तर कोरिया के हैकरों ने सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया से जुड़े हैकर्स ने 2022 में ही 630 मिलियन डॉलर यानी कि करीब 52 अरब भारतीय रुपए के बराबर क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की। हालांकि उत्तर कोरिया ने साइबर हमले के आरोपों से इंकार किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर कोरिया के हैकर जिस तकनीक से हैकिंग कर रहे हैं, वह बेहद परिष्कृत है और इस वजह से उससे चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक कर पाना बेहद मुश्किल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्थ की प्रमुख खूफिया एजेंसी द्वारा नियंत्रित संगठन इन हैकिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इनमें किमसुकी, लैजारस ग्रुप और आंद्रेइ जैसे संगठन प्रमुख हैं।