प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की कड़ी निंदा की और उसे खारिज कर दिया। बैठक प्योंगयांग के असफल जासूसी उपग्रह लॉन्च करने पर रखी गई थी। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग और पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र उनके आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहा है। परिषद उनके संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत और पक्षपात है।
किम यो जोंग ने बताया कि वह बहुत दुखी हैं। परिषद अमेरिका के कहने पर कोरियन सरकार के अधिकारों और राष्ट्र की संप्रभुता का उल्लंघन करता है, जो अनुचित है। किम ने परिषद का विरोध करने की कसम खाई है। परिषद ने अमेरिका के अनुरोध पर सिर्फ कोरिया के सैटेलाइट लॉन्चिंग के मुद्दे पर एक बैठक आयोजित की। इससे परिषद ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक कैसे एक देश के प्रोपेगैंडा के लिए काम करता है। किम ने कहा कि आज अलग-अलग उद्देश्यों से करीब 5000 सैटेलाइट आज धरती के चारों ओर हैं। यहां तक की अब निजी कंपनियां भी अंतरिक्ष में रुचि ले रही हैं। किम ने परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह एकतरफा उनकी संप्रभुता और विकास के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। यह बहुत खतरनाक है। इससे शक्ति का अंसतुलन हो सकता है।
उत्तर कोरिया द्वारा लॉन्च किया गया मिसाइल 31 मई को फेल हो गया था और वह सीधे येलो सी में जा गिरा था। यह एक सैन्य जासूसी उपग्रह था, जो इंजन की समस्या के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्मल उड़ान के दौरान पहले चरण की सफलता के बाद दूसरे चरण में आते ही इंजन में दिक्कत आ गई थी, जिसके वजह से मिशन फेल हो गया। कोरिया का कहना है कि वे इस मिशन की सिरे से जांच करेंगे और सामने आई खामियों को दूसरी उड़ान से पहले सही करेंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि वह जल्द से जल्द दूसरी लॉन्चिंग करेंगे और इस बार पहली गलतियों से सीख लेंगे। उत्तर कोरिया ने अपने पश्चिमी तट के लॉन्चिंग स्टेशन से 6.27 बजे रॉकेट लॉन्च किया था।
समुद्र में रॉकेट गिरने के कारण जापान और दक्षिण कोरिया ने आपातकालीन चेतावनियां जारी की थी। दोनों देशों ने अपने नागरिकों से कहा था कि अगर आप लोग घरों से बाहर हैं तो जल्द घर पहुंचने की कोशिश करें और अपने आप को कवर करें। जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने इतिहास को याद करते हुए कहा था कि कोरिया क्या पता अपने बैलिस्टिक मिसाइल्स का परीक्षण कर रहा है। अगर ऐसा है तो यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा। बता दें, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार, उत्तर कोरिया के हथियारों से संबंधित कामों पर रोक लगाया गया है।