मेरी सरकार गिराने वाले सैन्य जनरलों-न्यायाधीशों की तय हो जवाबदेही: नवाज शरीफ

नवाज शरीफ

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने फिर से 2017 में उनकी सरकार को गिराने के लिए पूर्व सैन्य जनरलों और न्यायाधीशों की जवाबदेही तय करने की शुक्रवार को मांग की। वह आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए टिकटों को अंतिम रूप दे रहे पीएमएल-एन के संसदीय बोर्ड को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह लग्जरी कारों में घूमने के लिए सत्ता में नहीं आना चाहते, बल्कि उन लोगों की जवाबदेही चाहते हैं जिन्होंने इस देश को बर्बाद किया और इसे आर्थिक संकट के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया।

ब्रिटेन में चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद इस साल अक्तूबर में देश लौटने के बाद यह पहला मौका है, जब नवाज शरीफ ने अपनी सरकार गिराने में शामिल जनरलों और न्यायाधीशों की जवाबदेही तय करने की मांग दोहराई है। उन्होंने 2018 के चुनावों में हेरफेर करने में भूमिका के लिए आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) फैज हमीद के नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जनरल फैज ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शौकत सिद्दीकी से कहा कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को जमानत न दी जाए। क्योंकि अगर वे जेल से बाहर आ जाएंगे तो उनकी (हमीद) दो साल की मेहनत बेकार चली जाएगी।

इसी तरह शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) साकिब निसार का कथित ऑडियो टेप लीक हुआ, जिसमें यह सुना गया था कि (पीटीआई प्रमुख) इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए तीन बार प्रधानमंत्री रहे निसार को जेल में रखा जाना चाहिए। तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ ने कहा उन्हें उन लोगों को बताना होगा जो उन दुखों के पीछे, जिनका वे सामना कर रहे थे।

पाकिस्तान लौटने से एक महीने पहले शरीफ ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों साकिब निसार और आसिफ सईद खोसा को उनकी सरकार को हटाने और आर्थिक तबाही के लिए लाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ मौजूदा सैन्य नेतृत्व का यह संदेश देने के लिए लंदन पहुंचे कि उन्हें (नवाज को) जनरलों की जवाबदेही की अपनी मांग से दूर रहना चाहिए। शरीफ ने इस सुझाव पर ध्यान दिया था।

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