अमेरिका की आव्रजन व्यवस्था में कई खामियां: कमला हैरिस

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अवैध अप्रवासियों का मुद्दा सबसे अहम मुद्दों में से एक है। अब एक ताजा इंटरव्यू में डेमोक्रेट पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने माना है कि अमेरिका की आव्रजन व्यवस्था में कई खामियां हैं और उन्हें दूर करने की जरूरत है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कमला हैरिस को एंकर के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा और एंकर ने कमला हैरिस को अवैध आव्रजन, करदाताओं के पैसों से लिंग परिवर्तन सर्जरी की सुविधा देने जैसे मुद्दों पर कड़े सवाल पूछे।

इंटरव्यू के दौरान कमला हैरिस अर्थव्यवस्था, अप्रवासन जैसे मुद्दों पर बाइडन सरकार का बचाव करते दिखाई दीं। एंकर ने कमला हैरिस से पूछा कि बाइडन-हैरिस सरकार में कितने अवैध अप्रवासी अमेरिका में दाखिल हुए तो कमला हैरिस गोलमोल जवाब देते नजर आईं। जब एंकर ने कहा कि होमलैंड सिक्योरिटी सचिव ने खुद कहा है कि 85 प्रतिशत गिरफ्तारियां हुई हैं। इस पर कमला हैरिस थोड़ी असहज दिखाई दीं। इस पर एंकर ने एक और सवाल दाग दिया और कहा कि अनुमान है कि देश में करीब साठ लाख लोग देश में आए हैं। बार-बार सवालों से असहज हो रहीं कमला हैरिस ने एंकर से उन्हें उत्तर देने की अपील की।

हालांकि एंकर यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि जब आप सत्ता में आए तो आपकी सरकार ने ट्रंप सरकार की कई सीमा नीतियों को पलट दिया। जिसमें अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने की नीति भी शामिल थी। आपकी सरकार में हिरासत में लिए गए अवैध अप्रवासियों को रिहा कर दिया गया और अब वे मुकदमे की प्रतिक्षा कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने जघन्य अपराध किए हैं। एंकर ने पूछा कि क्या आपको अपनी अप्रवासन नीति पर पछतावा है?

इस पर कमला हैरिस ने अपने बचाव में कहा कि हमारी आव्रजन प्रणाली में कई खामियां हैं और सरकार गठन के कुछ घंटों बाद ही हम जो पहला बिल लेकर आए थे, वो आव्रजन प्रणाली को ठीक करने के लिए ही था। हमने आव्रजन प्रणाली में ज्यादा संसाधन लगाए, ज्यादा न्यायाधीशों की नियुक्ति की, दंड कड़ा करने का प्रावधान किया था। सीमा एजेंट्स की संख्या बढ़ाई गई और 1500 अतिरिक्त सीमा एजेंट्स को तैनात किया गया। इससे अमेरिका में नशीले पदार्थों को रोकने में भी मदद मिली। कमला हैरिस ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप ने समस्या ठीक करने के बजाय इस बिल को ही खत्म करने के लिए कहा।

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