जिनपिंग मुझे बहुत पसंद हैं: ट्रंप

ट्रंप

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप दुनिया की बड़ी ताकतों के साथ कैसे रिश्ते रखेंगे? भारत और चीन के प्रति उनका क्या रूख रहेगा? चीनी राष्ट्रपति की तरफ से ट्रंप को किए गए फोन के क्या मायने हैं? इन तमाम सवालों पर ट्रंप ने विश्व आर्थिक मंच पर जवाब दिया। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत के बारे में कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध होने जा रहे हैं। हम बस निष्पक्षता चाहते हैं। हम लाभ उठाने की ताक में नहीं, हम बस एक समान अवसर चाहते हैं।’

ट्रंप ने कहा, ‘चीन के साथ हमारा बहुत बड़ा घाटा रहा है। बाइडन ने इसे हाथ से निकल जाने दिया…यह सिर्फ एक अनुचित संबंध है, जिसे अमेरिका और चीन को मिलकर निष्पक्ष बनाना होगा। हमें इसे असाधारण नहीं बनाना है, हमें इसे एक निष्पक्ष संबंध बनाना है।’ ट्रंप ने चीन के साथ अमेरिका के वर्तमान रिश्ते को लेकर कहा, ‘अभी यह एक निष्पक्ष संबंध नहीं है। घाटा बहुत बड़ा है, जैसा कि बहुत से अन्य एशियाई देशों के साथ भी है। हमारे पास बहुत बड़ा घाटा है और हम ऐसा ही चलने नहीं दे सकते। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे राष्ट्रपति शी बहुत पसंद हैं, मैं हमेशा से उन्हें पसंद करता रहा हूं। हमारे बीच हमेशा बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। वुहान से कोविड-19 के आने के बाद अमेरिका और चीन के संबंध बहुत तनावपूर्ण थे…लेकिन इससे इतर हमारे बीच हमेशा बढ़िया संबंध रहे हैं। हम चीन के साथ बहुत अच्छे संबंध रखने के अलावा साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।’

ट्रंप ने कहा, ‘उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने में भी चीन मदद कर सकता है। उनके पास दोनों देशों के परिप्रेक्ष्य में बहुत अधिक शक्ति है… अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण भी देखना चाहेगा। वास्तव में, 2020 के हास्यास्पद अमेरिकी चुनाव परिणाम से पहले, राष्ट्रपति पुतिन के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में बात हो रही थी। हम दोनों अमेरिका और रूस के परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में बात कर रहे थे। शायद चीन भी साथ आ गया होता। बकौल ट्रंप, राष्ट्रपति पुतिन को परमाणु हथियारों पर कटौती करने का विचार वास्तव में पसंद आया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2020 के चुनाव में उन्हें मिली हार की तरफ संकेत किया और कहा, ‘अगर चुनावी नतीजे उलट होते तो मुझे लगता है कि बाकी दुनिया ने भी रूस का अनुसरण किया होता और चीन भी साथ आ गया होता।

चीन के साथ रिश्तों के अलावा ट्रंप ने दूसरे देशों के बारे में भी बात की। दरअसल, रूस और यूक्रेन का युद्ध रुकवाने को लेकर कई बार बड़े दावे कर चुके ट्रंप ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच पर भी मजबूती के साथ अपनी बात दोहराई। उन्होंने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, ‘मैं वास्तव में राष्ट्रपति पुतिन से जल्द ही मिलना चाहता हूं। युद्ध समाप्त करना चाहता हूं।’ यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की समाप्ति के प्रयासों को लेकर ट्रंप ने कहा, वे केवल अर्थव्यवस्था या किसी अन्य चीज़ के दृष्टिकोण से शांति चाहते हैं, ऐसा सोचना सही नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘यह उन लाखों लोगों के दृष्टिकोण से है जो बर्बाद हो रहे हैं। सुंदर, युवा लोगों को युद्ध के मैदान में गोली मारी जा रही है… केवल एक ही चीज गोली को रोक सकती है और वह है मानव शरीर। बीते तीन साल में जो कुछ हुआ है मैंने उसकी तस्वीरें देखी हैं। यह एक नरसंहार है। हमें वास्तव में उस युद्ध को रोकना ही होगा, क्योंकि यह भयानक है।’

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