वॉशिंगटन। अमेरिका में भारत के साथ व्यापार संबंधों पर लगातार यहां के सांसद आरोप लगा रहे है। कुछ सांसद भारत में गेहूं-चावल पर सब्सिडी का मुद्दा उठा रहे हैं। वहीं, यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि भारत से आयातित झींगा जबरन मजदूरी पर निर्भर करता है और अवैध एंटीबायोटिक दवाओं वाला होता है। हालांकि इस बीच, बाइडन प्रशासन के एक शीर्ष व्यापार अधिकारी ने बुधवार को बताया कि भारत ने 12 विभिन्न श्रेणियों में अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए अपना बाजार खोला है।
अमेरिकी वित्त समिति द्वारा व्यापार पर बुलाई गई सदन की सुनवाई के दौरान सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन टाई ने बाइडन प्रशासन के कदमों का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘हम कड़ी मेहनत करने वाले अमेरिकी परिवारों और समुदायों, विशेष रूप से हमारे ग्रामीण समुदायों के लिए बाजार खोल रहे हैं। हमारे प्रशासन ने पिछले तीन साल में नए कृषि बाजार तक 21 अरब डॉलर से अधिक की पहुंच हासिल की है।
टाई ने आगे कहा, ‘उदाहरण के लिए अमेरिका और भारत द्वारा डब्ल्यूटीओ के सात विवाद समाप्त किए जाने के बाद भारत कई अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क हटाने पर सहमत हुआ था। इसका मतलब है कि छोले, दाल, बादाम, अखरोट और सेब की बेहतर पहुंच से मिशिगन, ओरेगन, कैलिफोर्निया और वाशिंगटन सहित हमारे देश भर के किसानों को लाभ होगा।’ उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि टर्की, बतख, ब्लूबेरी और क्रैनबेरी के लिए अधिक बाजार पहुंच से उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, वर्जीनिया, मैसाचुसेट्स और मिनेसोटा के किसानों को फायदा होगा।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को सांसदों को बताया कि भारतीय वायु सेना के लिए संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजन बनाने का भारत-अमेरिका समझौता क्रांतिकारी है। उन्होंने भारत-अमेरिका समझौता के बारे में एलान करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक सौदे की घोषणा पिछले जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक आधिकारिक यात्रा के दौरान की गई थी।
जनरल इलेक्ट्रिक ने भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ऑस्टिन ने सदन विनियोग उपसमिति को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका के भारत के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि हमने हाल ही में भारत को जेट हथियार, भारत में जेट इंजन का उत्पादन करने में सक्षम बनाया है और यह एक तरह से क्रांतिकारी है। इससे भारत की क्षमता बढ़ेगी।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम भारत के साथ एक बख्तरबंद वाहन का सह-उत्पादन भी कर रहे हैं। इसलिए, पूरे समझौते को समग्रता में देखने पर हमें पता चलता है कि इस समझौते के कारण भारत और अमेरिका का रिश्ता कहीं अधिक और अच्छा होगा।