
संयुक्त राष्ट्र। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर संयुक्त राष्ट्र संघ की नजर है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस स्थिति को लेकर चिंतित हैं और बारीकी से नजर रख रहे हैं। गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। ताकि हालात और न बिगड़ें। गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि हम दो दिन पहले 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हैं। हालांकि गुटेरेस ने भारत-पाकिस्तान सरकारों से कोई सीधा संपर्क नहीं किया है, लेकिन मैं वह स्पष्ट रूप से स्थिति पर बहुत बारीकी और बड़ी चिंता के साथ नजर रख रहे हैं।
महासचिव ने भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों से अपील की है कि वे अधिकतम संयम बरतें और यह सुनिश्चित करें कि स्थिति और जो घटनाक्रम हमने देखा है वह और न बिगड़े। दुजारिक ने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई भी मुद्दा शांतिपूर्ण तरीके से, सार्थक, आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है और सुलझाया जाना चाहिए। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले पर दुजारिक ने कहा कि मुझे लगता है कि यह हमारे द्वारा अधिकतम संयम बरतने की अपील और ऐसी कोई कार्रवाई न करने के दायरे में आएगा जो पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंचाए। यह स्थिति को और खराब करना या तनावपूर्ण क्षेत्र में तनाव बढ़ाना है। उन्होंने पीड़ितों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। दुजारिक ने बताया कि महासचिव ने कहा है कि नागरिकों के खिलाफ हमले किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। आतंकी बायसरन घाटी में घुस आए और पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़े फैसले लिए। सरकार ने सिंधु जल संधि पर रोक लगा दी है। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने, 48 घंटे में भारत छोड़ने, पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को आवांछित घोषित करने और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम करने के आदेश दिए थे।