इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वे केवल उन्हीं लोगों से बात करेंगे, जिनके पास असल में शक्ति है। अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई के बाद खान ने अदियाला जेल में यह बातें कहीं। पत्रकारों से बात करते हुए खान ने आगे कहा कि सरकार के पास शक्ति नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, खान का निशाना पाकिस्तानी सेना पर था, जिसे सबसे वहां सबसे ताकतवर कहा जाता है। इसके अलावा, खान ने कहा कि देश में आर्थिक पतन हो रहा है। स्थिरता के बिना देश में कोई निवेश संभव नहीं है। आगामी बजट से महंगाई और कर्ज बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक प्रतिशोध चल रहा है। मैं अपने वकीलों की मौजूदगी में ही सिफर मामले में एफआईए को जवाब दूंगा।
खान ने उनके साथ किये गए दुर्व्यवहार की उच्चतम न्यायालय में शिकायत की और भारत में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने का उदाहरण दिया। राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश में संशोधन से जुड़े एक मामले में प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को अपनी पेशी के दौरान खान ने उन्हें प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की। न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखेल, न्यायमूर्ति अतहर मिनाल्ला और न्यायमूर्ति सैयद हसन अजहर रिजवी भी पीठ में शामिल थे। न्यायमूर्ति मिनाल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खान जेल में हैं जबकि वह एक बड़ी पार्टी के प्रमुख हैं जिसके लाखों समर्थक हैं। खान ने शिकायत की कि आठ फरवरी को हुए पाकिस्तान के आम चुनाव से दूर रखने के लिए पांच दिन के अंदर ही उन्हें दोषी करार दे दिया गया। खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के लिए अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए।