
ढाका। बांग्लादेश बीते सात महीने से अधिक समय से हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। ताजा घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि विरोध-प्रदर्शनों के दौरान ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ और बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के पीछे शेख हसीना की सरकार है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल बांग्लादेश में व्यापक अशांति के दौरान लगभग 1400 प्रदर्शनकारी मारे गए। हजारों हताहत हुए। इसके बाद हालात इतने बिगड़े कि अगस्त, 2024 में शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। फिलहाल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित कराने के प्रयास में लगी है। भारत ने अभी अपना फैसला नहीं लिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि बीते साल प्रदर्शनकारियों पर व्यवस्थित हमले हुए। सैकड़ों न्यायेतर हत्याएं हुई। इन सबके पीछे शेख हसीना की सरकार थी। एएफपी की रिपोर्ट के हवाले से सामने आई यूएन की इस जांच रिपोर्ट में अनुमानित तौर पर 1400 प्रदर्शनकारियों की मौत की बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा और उपद्रव के दौरान हजारों लोग हताहत हुए।
बता दें कि पिछले साल बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। इसमें बड़ी संख्या में छात्र संगठन शामिल थे। बाद में विरोध-प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा और उपद्रव हुआ। शेख हसीना को हटाने की मांग के बीच प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास पर हमला कर दिया था, जिसके बाद हसीना को भागने पर मजबूर होना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के बीच यह जानना भी अहम है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले हफ्ते भी हिंसा भड़की थी। ढाका में शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान के आवास पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी।