अमेरिका पर बिफरा चीन

चीन

बिच्छू डॉट कॉम। चीन ने अमेरिका पर नाटो का एशियाई संस्करण बनाने का आरोप लगाया है. अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के गुट पर चीन ने नाराजगी दिखाई है. चीन ने उत्तर कोरिया से रिश्ते सुधारने की जिम्मेदारी भी बाइडेन प्रशासन पर डाली है.चीन के विदेशमंत्री वांग यी का कहना है कि पूर्वी एशिया और हिंद महासागर के लिए अमेरिकी नीति और जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करना एक त्रासदी है जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बिगाड़ देगा. चीनी विदेश मंत्री ने ये बातें सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कही. यह प्रेस कांफ्रेंस बीजिंग में 13वें नेशनल पीपुल्स कांफ्रेंस के दौरान अलग से हुई जिसे विदेश मंत्री ने वीडियो लिंक के जरिए संबोधित किया और पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. इन बातों से अंदाजा हो जाता है कि चीन की सत्ताधारी पार्टी एशिया की सर्वोच्च शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा रखती है और दक्षिण चीन सागर या फिर हिमालय के क्षेत्र में पड़ोसियों के इलाकाई दावों या प्रतिरोध से उसे परेशानी हो रही है।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद चीन का जो रुख रहा है, उससे भी इन बातों का पता चलता है. चीन ने बातचीत की मांग और संप्रभुता का सम्मान करने की बात कह कर इस जंग से दूरी बना ली है. चीन का यह भी कहना है कि इस संघर्ष के लिए अमेरिका पर आरोप लगने चाहिए क्योंकि उसने रूस की सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया. भूराजनीति के खेल वांग यी का कहना है, “अमेरिका क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के नाम पर भूराजनीति के खेल, खेल रहा है” उनका यह भी कहना है कि यह क्षेत्रीय सहयोग की इच्छाओं के “विरुद्ध” है और “इसका कोई भविष्य नहीं है” चीनी विदेश मंत्री ने शिकायत की है कि अमेरिका, “चीन को दबाने के लिए” अपने सहयोगियों को संगठित कर रहा है. चीन क्वाड यानी अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग से चिढ़ गया है. चीन ने अमेरिका के उस फैसले की आलोचना की है जिसमें ऑस्ट्रेलिया को उसके पहले परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी को तैनात करने में तकनीकी मदद दी गई है. वांग यी का कहना है, ” 'भारत प्रशांत रणनीति' का असली उद्देश्य नाटो का भारत प्रशांत संस्करण तैयार करना है” रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पश्चिमी देशों के संगठन के विस्तार को यूक्रेन पर हमले का एक बड़ा कारण बताते हैं।

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