बिच्छू डॉट कॉम। जर्मन सरकार ने इंटरनेट बेस्ड मैसेंजर सर्विस टेलीग्राम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. जर्मनी का कहना है कि भड़काऊ कटेंट के प्रति जवाबदेही के लिए टेलीग्राम को एक कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना होगा.जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को टेलीग्राम के प्रतिनिधियों से बातचीत की. मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक इस बातचीत में धुर दक्षिणपंथियों और वैक्सीन व महामारी संबंधी पांबदियों का विरोध करने वाले लोगों की चर्चा हुई. ऐसे कई समूह संवाद के लिए इनक्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम का इस्तेमाल करते हैं. इनक्रिप्टेड या सेल्फ डिलीट ऑप्शन के चलते अपराध के मामलों में इन संदेशों तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. बर्लिन में पत्रकारों को जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “गृह मंत्रालय ने टेलीग्राम के शीर्ष प्रबंधन के प्रतिनिधियों के लिए शुरुआती सकारात्मक बातचीत की है” गृह मंत्री नैन्सी फैजर ने भी अपने ट्वीट में लिखा, “बातचीत जारी रखने और संवाद को और तेज करने पर सहमति भी बनी है” जनवरी में फैजर ने टेलीग्राम को बैन करने की चेतावनी दी थी. उन्होंने तब यह भी कहा था कि जर्मनी यूरोपीय संघ के साझेदार देशों के साथ मिलकर टेलीग्राम को रेग्युलेट करने पर चर्चा भी करेगा ।
न्याय मंत्रालय ने भी दी चेतावनी ऐसी ही चेतावनी जर्मनी के न्याय मंत्री मार्को बुशमन भी दे चुके हैं. जर्मन अखबार राइनिषे पोस्ट और बॉनर गेनराल अनसाइगर से बात करते हुए बुशमन ने कहा कि, “कानूनी कार्रवाई बेहद स्पष्ट है” जर्मन सरकार ने टेलीग्राम से कहा है कि वह जर्मन प्रशासन के लिए एक कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करे. बुशमन ने कहा, उदाहरण के लिए हम ये देखना चाहते हैं कि कानूनी कार्रवाई के मामले में टेलीग्राम की एसेट्स कहां है और उन्हें कैसे चेक किया जा सकता है. जर्मन न्याय मंत्री के मुताबिक टेलीग्राम सिर्फ एक मैसेंजर सर्विस भर नहीं है. वह टेलीग्राम को एक तरह का सोशल नेटवर्क बता रहे हैं. लेकिन फेक न्यूज, हेट स्पीच, भड़काऊ भाषण या चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में सोशल मीडिया पर जिस तरह की कानूनी जिम्मेदारियां हैं, टेलीग्राम इससे बचा हुआ है. जर्मनी और यूरोप में वैक्सीन के कट्टर विरोधियों और धुर दक्षिणपंथियों के बीच टेलीग्राम बहुत पॉपुलर है. इसे भी पढ़िए: (बिना प्रतिबंध के टेलिग्राम को कैसे रोके जर्मनी) क्या है टेलीग्राम पहली नजर में टेलीग्राम, व्हाट्सऐप की तरह एक सामान्य मैसेंजर सर्विस जैसा लगता है।
लेकिन कुछ फीचर 2013 में रिलीज हुए टेलीग्राम को दूसरे मैसेंजरों के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं. क्लाउड बेस्ट टेलीग्राम में यूजर्स को सेल्फ डिस्ट्रक्टिंग मैसेजिंग का विकल्प मिलता है. इसके ऑप्शन के तहत मैसेज भेजने वाला तय कर सकता है कि उसका मैसेज कब खुद डिलीट हो जाएगा. 24 घंटे, सात दिन एक महीने के ऑटो डिलीट मोड के जरिए तस्वीरें और वीडियो भी भेजे जा सकते हैं. व्हाट्सऐप में जहां एक ग्रुप में एडमिन समेत कुल 256 मेम्बर हो सकते हैं, वहीं टेलीग्राम पर एक साथ करीब 2,00,000 मेम्बर्स का ग्रुप बनाया जा सकता है. 2021 में व्हाट्सऐप ने जब अपनी डाटा प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किए तो टेलीग्राम ने दावा किया कि वह यूजर्स के डाटा के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं करेगा. इसके बाद भारत समेत तमाम देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने टेलीग्राम डाउनलोड किया. पिछले साल में टेलीग्राम दुनिया में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया और इसके यूजर्स की संख्या भी पहली बार एक अरब के पार चली गई.
निजता के साये में अपराध की दुनिया हाल ही में भारत में बुल्ली बाई नाम के एक ऐप का पता चला जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें शेयर कर उनकी बोली लगाई जा रही थी. मामले की जांच के दौरान टेलीग्राम पर बने ऐसे ग्रुप का भी पता चला जहां हिंदू महिलाओं की तस्वीरें शेयर कर आपत्तिजनक बातें लिखी जा रही थीं. इसे भी पढ़िए: (सोशल मीडिया पर हिंदू महिलाओं को कौन बना रहा है निशाना) इससे पहले सितंबर 2021 में भारत के केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीग्राम पर अपना फैक्ट चेकिंग चैनल लॉन्च किया. मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि टेलीग्राम पर उसके नाम से चल रहे बाकी चैनल फेक हैं. अरब देशों में इस्लामिक स्टेट के बढ़ते प्रभाव के दौरान भी टेलीग्राम पर आतंकवादियों को गुप्त संवाद का तरीका मुहैया कराने के आरोप लगे थे. 2021 में फाइनेंशियल टाइम्स अखबार ने साइबररिंट के सहयोग से एक शोध किया. इस शोध के बाद दावा किया गया कि टेलीग्राम साइबर हैकरों का भी गढ़ है।