
पेरिस। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि हैती के साथ अतीत में बहुत गलत किया गया था। करीब 200 साल पहले, जब हैती ने फ्रांस से आजादी पाई, तो उसे बदले में फ्रांस को बहुत बड़ी कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया गया था। यह बहुत ही अन्यायपूर्ण था। इस दौरान मैक्रों ने साझा इतिहास की जांच करने और संबंधों का आकलन करने के लिए एक संयुक्त फ्रांसीसी-हैती ऐतिहासिक आयोग के गठन की घोषणा की। हालांकि, मैक्रों ने हैती की लंबे समय से चली आ रही क्षतिपूर्ति की मांगों को सीधे संबोधित नहीं किया।
राष्ट्रपति मैक्रों ने एक बयान में कहा, ‘फ्रांस ने हैती के लोगों को भारी वित्तीय क्षतिपूर्ति के अधीन कर दिया। इस निर्णय ने एक युवा राष्ट्र की स्वतंत्रता पर एक कीमत लगाई, जो इस प्रकार अपने आरंभ से ही इतिहास की अन्यायपूर्ण ताकत का सामना कर रहा था।’ राष्ट्रपति मैक्रों ने यह बात फ्रांस के राजा चार्ल्स एक्स द्वारा जारी 17 अप्रैल, 1825 के दस्तावेज की 200वीं वर्षगांठ पर कही। इसमें हैती की स्वतंत्रता को मान्यता दी गई, लेकिन बदले में फ्रांस ने हैती पर 150 मिलियन सोने के फ्रैंक का ऋण लगाया। हालांकि, बाद में इसे 90 मिलियन कर दिया गया, लेकिन ऋण ने कैरेबियाई राष्ट्र को पंगु बना दिया और उसे 1947 तक फ्रांसीसी और अमेरिकी बैंकों के माध्यम से इसका भुगतान करना पड़ा।