ओटावा। कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर मेयर पैट्रिक ब्राउन ने निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि वह शहर में पूजा स्थलों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए नगर परिषद में प्रस्ताव लेकर आएंगे। उन्होंने सिटी सॉलिसिटर से नगर परिषद की अगली बैठक में प्रस्ताव को लेकर कानून की वैधता पर विचार करने के लिए कहा है। ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर रविवार को कथित खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया था। इस दौरान मंदिर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर भी हमला हुआ। इसे लेकर ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पूजा स्थल सुरक्षित होने चाहिए। मैनें सिटी सॉलिसिटर को इसे लेकर उप कानून की वैधता पर विचार करने के लिए कहा है।
कनाडा के मंदिर पर हुए हमले की भारतीय उच्चायोग ने भी निंदा की है। उच्चायोग ने कहा कि पूर्व के वर्षों की तरह भारतीय उच्चायोग और वैंकुवर और टोरंटो के महावाणिज्य दूतावासों की तरफ से ब्रैंपटन के हिंदू सभा मंदिर में काउंसुलर कैंप का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के सह-आयोजन कर्ताओं में ब्रैंपटन का हिंदू सभा मंदिर भी शामिल था। उच्चायोग की तरफ से पहले ही कनाडा सरकार से इस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग की गई थी, लेकिन हमने देखा कि 3 नवंबर को भारत विरोधी तत्वों द्वारा इस काउंसुलर कैंप में तोड़फोड़ की गई और लोगों पर हमला किया गया।’
बयान में कहा गया है कि ‘ये देखना दुखद है कि सामान्य काउंसुलर कामकाज को भी बाधित किया जा रहा है। हम आवेदकों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। हालांकि इसके बावजूद हमने एक हजार से ज्यादा जीवन प्रमाण पत्र भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को बांटे। इससे पहले 2-3 नवंबर को भी वैंकुवर और सरे में वाणिज्य दूतावास के काम को बाधित करने की कोशिश की गई।’ इस घटना के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हिंसा की निंदा की। उन्होंने हिंसक वारदात को अस्वीकार्य बताया और कहा कि सभी कनाडाई नागरिकों को सुरक्षित तरीके से अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। हिंदू कनाडाई फाउंडेशन ने हमले का वीडियो साझा करते हुए कहा कि मंदिर में मौजूद बच्चों और महिलाओं पर भी हमला किया गया।