आतंकी की तरह कैद में रखा जा रहा: इमरान

इमरान

इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने पीटीआई पर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक प्रमुख शहर में साप्ताहांत में शांति रैली के दौरान हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पीआईटी जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी है। दरअसल, आतंकवादियों ने बन्नू शहर में एक सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला किया। जिसमें आठ सैनिक और दस आतंकवादी मारे गए। इसके बाद स्थानीय व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों ने रैली निकाली। लेकिन रैली के दौरान हिंसा भड़क गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। सूचना मंत्री अत्ता तरार ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हिंसा की आलोचना की। उन्होंने रैली में हिंसा के लिए इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।

तरार ने कहा, पीटीआई का हिंसक राजनीति का इतिहास रहा है। वे सुरक्षा बलों पर आरोप लगाने के लिए हताहतों की तलाश करते हैं। एक राजनीतिक दल की बजाय आतंकवादी संगठन की तरह काम करते हैं। सूचना मंत्री ने प्रतिबंधिति आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का जिक्र करते हुए कहा, मैं उसे टीटीपी-पीटीआई कहता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआई के अराजक तत्वों ने बन्नू में व्यापारियों के शांति मार्च में घुसपैट की, जिससे अराजकता फैली और घटनास्थल पर गोलीबारी हुई। एक व्यक्ति की मौत हो गई और 22 घायल हो गए। गनीमत रही कि एक बड़ी आपदा टल गई। मंत्री ने दावा किया कि देश में अस्थिरता पैदा करना पीटीआई के घोषणापत्र का हिस्सा है। पार्टी ने लगातार हिंसा की राजनीति को बढ़ावा दिया है और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि उन्हें एक आतंकवादी की तरह कैद किया जा रहा है और उन्हें एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में काल-कोठरी में बंद किया गया है। डॉन अखबार के मुताबिक, पीटीआई संस्थापक ने ब्रिटेन के अखबार ‘द संडे टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया। उन्होंने कहा, मुझे सात बाई आठ फीट लंबी मौत की कोठरी में रखा गया है, जो आमतौर पर आतंकवादियों के लिए होती है, ताकि उनका किसी से कोई संपर्क न हो। उन्होंने कहा, मुझे एकांत कारावास है, जिसमें हिलने-डुलने के लिए मुश्किल से कोई जगह है। मैं एजेंसियों की लगातार निगरानी में हूं। 24×7 नजर रखी जा रही है और मुझे बुनियादी कैदी और मुलाकात करने जैसे मानवाधिकारों से भी वंचित रखा जा रहा है। इंटरव्यू उनके वकीलों के जरिए आयोजित किया गया था, क्योंकि उन्हें पेन और कागज ले जाने की अनुमति नहीं थी।

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