संयुक्त राष्ट्र का सबसे शक्तिशाली रूपक है योग: डेनिस फ्रांसिस

डेनिस फ्रांसिस

वॉशिंगटन। ‘योग वैश्विक एकता के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का प्रतीक है’। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाते हुए संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने ये बात कही। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने शुक्रवार को योग दिवस के मौके पर कहा कि ‘योग, खुद संयुक्त राष्ट्र का शक्तिशाली रूपक है।’

10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में आयोजित हुए एक समारोह में अपने वीडियो संदेश में डेनिस फ्रांसिस ने कहा, ‘जिस तरह योग मानव अनुभव के विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाता है ताकि एक संतुलित संपूर्णता बनाई जा सके, उसी तरह संयुक्त राष्ट्र विभिन्न देशों और संस्कृतियों को समान लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए एकजुट करता है।’ उन्होंने कहा, ‘इस एकता में अलग-अलग हिस्से एक साथ मिलकर अपने हिस्सों से भी बड़ी एक एकीकृत चीज बनाते हैं, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है।’

कार्यक्रम में शामिल हुईं उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि योग की एकजुट करने की शक्ति, संयुक्त राष्ट्र में समारोहों में भी दिखाई देती है। उन्होंने कहा, ‘योग एकता के बारे में है, मन, शरीर और आत्मा की एकता के बारे में है। यह आपके बारे में है, यह मेरे बारे में है और यह हमारे बारे में है, और आज संयुक्त राष्ट्र में, हम देख रहे हैं कि यह विभिन्न संस्कृतियों और देशों के लोगों को कैसे एकजुट करता है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिछले साल के समारोह को याद किया, जिसमें सबसे अधिक राष्ट्रीयताओं वाले लोगों ने एक साथ योग करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।

महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक लिखित संदेश में कहा, ‘इस वर्ष का विषय – ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ – हमें लोगों के जीवन और व्यापक समुदाय को बेहतर बनाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया भर में सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों द्वारा अपनाया गया योग लोगों और ग्रह के साथ संतुलन, मनन और शांति के अपने मूल्यों के साथ लोगों को जोड़ता है।’ संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समिति की अध्यक्ष डेनिस स्कॉटो ने कहा कि यह ‘अद्भुत’ है कि 177 देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के लिए 2014 के महासभा के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया। उन्होंने कहा, ‘यह दुनिया भर की एकता को दर्शाता है।’

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