ढाका। एक तरफ बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट इंडिया’ अभियान चल रहा है तो दूसरी तरफ बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत की मदद के बिना बांग्लादेश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने पर जोर दिया है। बता दें कि हसन महमूद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के संयुक्त महासचिव भी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के अभियान को असफल करार दिया है। बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है और इसी से बांग्लादेश का विकास संभव है।
विदेश मंत्री महमूद ने कहा कि पड़ोसी के साथ अच्छे संबंधों के बिना बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखना मुश्किल साबित होगा। दरअसल बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर बॉयकॉट इंडिया अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत बांग्लादेश के लोगों से भारतीय वस्तुओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है। हसन महमूद से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अभियान असफल रहा है और इसे बहुत कम लोगों का समर्थन मिला। बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना बार बार भारत का समर्थन करती रहीं हैं। माना जाता है कि इस वजह से बॉयकॉट इंडिया अभियान को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का समर्थन प्राप्त है। विदेश मंत्री महमूद ने इस अभियान के लिए सीधे तौर पर बीएनपी को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में संकट पैदा करने और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया।
हालांकि, बीएनपी ने बॉयकॉट इंडिया अभियान को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया। लेकिन जानकारों का कहना है कि यह अभियान सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों द्वारा शुरू किया गया है। ये प्रभावशाली लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी के आलोचक हैं। यह भी कहा गया है कि कई लोग बांग्लादेश के बाहर से इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। बीते सप्ताह भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बांग्लादेश का दौरा किया था। इस दौरान क्वात्रा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। मुलाकात में सुरक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्रों सहित बांग्लादेश के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई।