लंदन। ब्रिटिश सरकार डीपफेक वीडियो-फोटो को लेकर सावधान हो गई है। ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को कहा कि अश्लील डीपफेक सामाग्री बनाने वाले लोगों को अब मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। डीपफेक से जुड़ा एक कानून फिलहाल संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है। नए कानून के तहत बिना सहमति के इस तरह की तस्वीरें बनाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। नए कानून के अनुसार, अगर डीपफेक सामाग्री व्यापाक रूप से फैल जाती है तो दोषियों को कारावास की सजा भी हो सकती है।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक्स पर लिखा कि हमारी सरकार अश्लील डीपफेक बनाने वाले नीच लोगों के खिलाफ नकेल कस रही है। डीपफेक सामाग्री इंसान को परेशान करती हैं। इन अपमानजनक छवियों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए ही नया कानून पेश कर रहे हैं। यूके की पीड़ित और सुरक्षा मंत्री लॉरा फैरिस ने कहा कि डीपफेक से बनाई गईं अश्लील तस्वीरें निंदनीय और पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। यह कुछ लोगों को नीचा दिखाने और उन्हें अमानवीय बनाने का एक तरीका है और खासकर महिलाओं को। अगर किसी डीपफेक सामाग्री को व्यापक रूप से साझा किया जाता है तो इसके परिणाम काफी खतरनाक हो सकते हैं। हमारी सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
न्याय मंत्रालय ने कहा कि विधेयक फिलहाल संसदीय प्रक्रिया में है। सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को राष्ट्रीय खतरे के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब यह है कि पुलिस जैसे आतंकी खतरों से निपटती है ठीक वैसे ही पुलिस अब इस मामले को भी प्राथमिकता देगी।
डीपफेक वीडियो और वीडियो दोनों रूप में हो सकता है। इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है। इस तरह के फोटो वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है। एक लाइन में कहें तो डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है। डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं।