माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव सरकार की मंत्री मरियम शिउना और अन्य नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद कूटनीतिक तनातनी देखने को मिल रही है। भारत के कई सेलिब्रिटी और आम लोग इसको लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड कर रहा है। इस बीच,मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी इन अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर अपने देश के नेताओं की आलोचना की है।
अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट में कहा, मौजूदा मालदीव सरकार के दो मंत्रियों और सत्तारूढ़ गठबंधन में एक सियासी दल के सदस्य द्वार सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों के खिलाफ की गई टिप्पणी निंदनीय और घृणित हैं। मैं सरकार से इनको फटकार लगाने का आह्वान करता हूं। सार्वजनिक हस्तियों को शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए। भारत समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र और अटूट सहयोगी है। वे ऐतिहासिक रूप से हमारी जरूरत के समय प्रतिक्रिया देने वालों में सबसे पहले रहे हैं। हमारे करीबी संबंध आपसी सम्मान, इतिहास, संस्कृति और लोगों के बीच मजबूत संबंधों से बंधे हुए हैं।
वहीं, इस मामले पर विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने कहा, यह बिल्कुल निंदनीय है। एक वर्ग है जो भारत विरोधी है। भारत न केवल पर्यटन के जरिए मालदीव की अर्थव्यवस्था में मदद करता है। बल्कि, हम उन्हें सुरक्षा भी प्रदान करते हैं। 1988 में मालदीव में तख्तापलट हुआ था। भारत ने अपनी सेना भेजी और कुछ ही घंटों में तख्तापलट रोक दिया गया। इसलिए पड़ोसी भारत मालदीव की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है। कई बार मालदीव में भारी पानी की कमी थी। भारत ने बोतलबंद पानी के साथ विमान और हमारी सेना भेजी थी।