कोलंबो। उत्तरी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री सीवी विग्नेश्वरन के एक बयान ने श्रीलंका की राजनीतिक हलचल बढ़ाई दी है। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि अगर मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उत्तर में तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं, तो निश्चित तौर पर उन्हें तमिल दलों का समर्थन मिल सकता हैं। हालांकि सीवी विग्नेश्वरन ने कहा कि वह प्रांत में सभी विकास परियोजनाओं को शुरू करने केलिए विक्रमसिंघे पर भरोसा कर रहे थे, जिनका तमिल राजनीतिक दलों से वादा किया गया था।
उन्होंने कहा कि उत्तर में तमिलों के सामने आने वाली सभी समस्याओं का आसानी से समाधान किया जा सकता है। तमिल राजनीतिक दल क्षेत्र में राष्ट्रपति की यात्रा के परिणामों का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। विग्नेश्वरन ने कहा कि अगर राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे तमिलों की आकांक्षाओं का ध्यान रखते हैं, तो निश्चित तौर पर तमिल राजनीतिक दलों का उन्हें समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को द्वारा ली गई तमिल लोगों की 3,000 एकड़ भूमि अभी भी जारी नहीं की गई है।
गौरतलब है कि श्रीलंका में इस वर्ष सितंबर माह में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने की संभावनाएं हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का कार्यकाल अपदस्थ राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यकाल का शेष भाग 2022 के जुलाई से शुरू हुआ, जो चुनावों के एलान के साथ ही समाप्त होगा। श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की प्रशंसा हुई थी।
इसी बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने एक कार्यक्रम के दौरान लाल सागर में हूतियों के हमलों को देखते हुए एक युद्धपोत तैनात करने की बात की हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने वाले हूती विद्रोहियों ने कई नुकसान किया हैं। गौरतलब है कि वैश्विक व्यापार के लिए प्रमुख जलमार्ग की सुरक्षा में भारत समेत कई देशों के साथ श्रीलंका भी शामिल होगा।