सुनक की मुश्किलें बढ़ी

 ऋषि सुनक

लंदन। रवांडा में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की उन की सरकार की विवादास्पद नीति को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को आलोचना का सामना झेलना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर ऋषि सुनक की पार्टी दो भागों में बंटती नजर आ रही है। जहां एक तरफ बर्खास्त गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए एक अतिवादी एजेंडे का आह्वान कर रही है और दूसरा गुट मध्यमार्गी दृष्टिकोण की बात कर रहा है।

यह टकराव बुधवार को उस वक्त चरम पर पहुंच गया, जब सुनक के सहयोगी मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने आव्रजन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट के अवरोध को खत्म करने के लिए बनाया गया नया रवांडा सुरक्षा विधेयक बहुत आगे तक नहीं चल पाएगा।

अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा कि जब आव्रजन पर सरकारी की नीति की दिशा से मेरी इतनी गहरी असहमति है, तो मैं अपने पद पर कैसे बने रह सकता हूं। साथ ही अवैध प्रवासियों द्वारा इंग्लिश चैनल के जरिए देश में घुसने के मामले पर जोर देते हुए जेनरिक ने कहा कि इसके खिलाफ अधिक सख्ती से निपटने की जरूरत है। वहीं सुनक ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा अब तक पेश किए गए अवैध प्रवासन कानून का यह सबसे कठोर हिस्सा होगा। पूर्व कैबिनेट सहयोगी का विरोध गलतफहमी पर आधारित था।

साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर हम अदालतों को पूरी तरह से हटा दें, तो हम पूरी योजना को ध्वस्त कर देंगे। रवांडा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस योजना को अंतरराष्ट्रीय कानून दायित्वों का उल्लंघन मान सकता है। ऐसे कानून को पारित करने का कोई मतलब नहीं हैं।वहीं सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से नीति बदलने का आग्रह करती हूं। मुझे विश्वास है कि अंतत: यह विधेयक विफल हो जाएगा।

बता दें गुरुवार को संसद में बहस के लिए पेश किया जाने वाला नया रवांडा मसौदा विधेयक ब्रिटेन के न्यायाधीशों को अफ्रीकी राष्ट्र को एक सुरक्षित देश के रूप में मानने के लिए मजबूर करता है।

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