इमरान की जमानत याचिका पर नौ को होगी सुनवाई

इमरान खान

इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया कि साइफर मामले में जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत याचिका पर नौ अक्तूबर को खुली अदालत में सुनवाई होगी।
इमरान खान ने पिछले साल मार्च में वॉशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास की ओर से भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक केबल (साइफर) का खुलासा किया था। इसके बाद उनके खिलाफ गोपनीयता अधिनियम का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया गया था। फिर उन्हें इस साल अगस्त में गिरफ्तार कर लिया गया था।
पिछले हफ्ते संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी और खान की जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि सरकारी गोपनीय जानकारियों के कथित खुलासे से जुड़े मामले में खुली सुनवाई से अन्य देशों के साथ संबंध बिगड़ने का खतरा पैदा हो सकता है। शीर्ष जांच एजेंसी ने खान और उनके करीबी सहयोगी शाह महमूद कुरैशी को मामले में ‘मुख्य आरोपी’ बनाया है।
पीटीआई प्रमुख इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने फैसला सुनाया कि जमानत याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई नौ अक्तूबर को होगी। हालांकि, जिओ न्यूज की खबर के मुताबिक इसमें कहा गया है कि संवेदनशील माने जाने वाले दस्तावेजों पर वकीलों की दलीलें बंद कमरे में सुनी जाएंगी।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्करनैन ने अदियाला जेल में सुनवाई का नेतृत्व किया। इस बीच, पीटीआई के वकील सलमान सफदर ने साइफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी के खिलाफ बंद कमरे में सुनवाई को ‘असंवैधानिक’ करार दिया। सफदर ने जेल के बाहर कहा, ‘सुनवाई बंद दरवाजों के पीछे नहीं होनी चाहिए। यह असंवैधानिक है।’ रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है, ‘मामले में इमरान की गिरफ्तारी और रिमांड को भी गोपनीय रखा गया था, और अब इस मुकदमे को भी गोपनीय रखा जा रहा है।’
इमरान खान पर वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास से एक गोपनीय राजनयिक केबल लीक होने के संबंध में सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप है। पिछले साल मार्च में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले क्रिकेटर से नेता बने खान ने इस्लामाबाद में एक जनसभा में अपनी जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला था और उसे लहराते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए रची जा रही ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है।

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