संयुक्त राष्ट्र। जी-20 शिखर सम्मेलन की शानदार मेजबानी और नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन (एनडीएलडी) को सर्वसम्मति के साथ स्वीकारे जाने के लिए भारत और पीएम मोदी के नेतृत्व की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि जी-20 में जारी घोषणापत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी टीम की कूटनीतिक कौशल और निपुणता का प्रमाण है। फ्रांसिस ने जी-20 शिखर सम्मेलन के शानदार नतीजे के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह पीएम मोदी और उनकी टीम के कूटनीतिक कौशल और निपुणता का प्रमाण है कि वे संयुक्त बयान जारी करने में जी-20 को एक साथ रखने में सक्षम थे।
बता दें, डेनिस फ्रांसिस ने इस महीने 78वें सत्र के लिए 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय के अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका संभाली है। उन्होंने कहा कि हमें एकजुटता बनाने की जरूरत है। हमें सहयोग की जरूरत है। हमें अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए एक दृष्टिकोण की जरूरत है। फ्रांसिस ने कहा कि ये सभी बातें संयुक्त बयान में कही गई हैं।
गौरतलब है, भारत की राजधानी दिल्ली में नौ और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस दौरान, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की भारत ने मेजबानी की। जी-20 सम्मेलन होने वाले नेता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं।
बता दें, यूक्रेन में चल रहे युद्ध, महामारी के प्रभाव, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और जलवायु आपातकाल के बीच विश्व नेता अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में एकत्रित होंगे। दरअसल,18-19 सितंबर को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) शिखर सम्मेलन होने वाला है। फ्रांसिस ने कहा कि आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों को उनका संदेश होगा कि वे उच्च-स्तरीय सप्ताह में अपना दृष्टिकोण ‘साहसी और रचनात्मक’ रखें।
एसडीजी के कार्यान्वयन के लिए केवल सात वर्ष शेष हैं। बता दें, एसडीजी लक्ष्य का केवल 15 प्रतिशत ही हासिल करने की राह पर है। एसडीजी शिखर सम्मेलन समाज के सभी क्षेत्रों के लिए वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई में तेजी लाने का एक अवसर होगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया भर में लोग उन क्षेत्रों में कार्रवाई करने के लिए वास्तव में अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और संयुक्त राष्ट्र पर निर्भर हैं जो उनके दैनिक जीवन में सार्थक बदलाव ला सकते हैं, जैसे गरीबी उन्मूलन और भूख। फ्रांसिस ने कहा कि लगभग 86 करोड़ लोग भूख से जी रहे हैं और कोविड-19 महामारी ने उनके दर्द को बढ़ा दिया है।