वैश्विक साझेदारी को मजबूत करेगा चीन: वांग यी

वांग यी

बीजिंग। चीन के नए विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी पहली टिप्पणी में कहा है कि बीजिंग अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा और अपनी वैश्विक साझेदारी को गहरा करेगा। गौरतलब है कि मंगलवार किन गैंग को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने वांग के नाम, तस्वीरों और भाषणों को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए सबको चौंका दिया था और शुक्रवार को उन्हें  बहाल कर दिया।

चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) द्वारा किन (57 वर्षीय) को बर्खास्त करने और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के आयोग के निदेशक वांग (69 वर्षीय) को विदेश मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित करने के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय ने बुधवार को किन को सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया।  
 
हालांकि, दो दिन के भीतर ही मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर किन गैंग के विदेश मंत्री के रूप में छह महीने के कार्यकाल के दौरान की गतिविधियों के बारे में जानकारी अपलोड कर दी गई। चीन के विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त होने के बाद वांग ने अपनी पहली टिप्पणी में कहा, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन सहयोग के साथ वैश्विक साझेदारी को गहरा और विस्तारित करेगा।
 
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक संदेश में उन्होंने कहा कि चीन दृढ़ता से अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करेगा और विदेश में चीनी नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा करेगा। किन को पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री बनाया गया था, उन्होंने कई वरिष्ठों को पीछे छोड़ दिया था और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) में एक उभरते सितारा होने का गौरव हासिल किया था।
 
वह चीन के इतिहास में इस पद पर सबसे कम उम्र में नियुक्त होने वालों में से एक थे। अपनी पदोन्नति से पहले शी ने वाशिंगटन के साथ बीजिंग के रुके हुए संबंधों को स्थिर करने के लिए किन को अमेरिका में चीन के राजदूत के रूप में भेजा था। किन की बर्खास्तगी का अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है और न ही उनके ठिकाने के बारे में अभी तक पता चला है। श्रीलंका, वियतनाम और रूस के अधिकारियों से मुलाकात के बाद 25 जून के बाद से वह सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं। वांग एक ऐसे पद पर लौट आए हैं जिस पर वह पिछले एक  दशक में अधिकांश समय तक रहे हैं। 2004 से 2007 तक उन्होंने टोक्यो में चीन के राजदूत के रूप में कार्य किया।

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