इस्लामाबाद। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने शीर्ष चुनाव निकाय और उसके प्रमुख की अवमानना से जुड़े एक मामले में इमरान खान के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया मंगलवार को दो अगस्त तक के लिए टाल दी। ईसीपी ने खान और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के पूर्व नेताओं असद उमर और फवाद चौधरी के खिलाफ मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के खिलाफ कथित तौर पर ‘असंयमित’ भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर पिछले साल अवमानना कार्यवाही शुरू की थी।
मंगलवार का घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब चुनाव आयोग ने एक दिन पहले इस्लामाबाद पुलिस को खान को गिरफ्तार करने और मंगलवार को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद पीटीआई प्रमुख पिछले साल अक्टूबर में मामला उठाए जाने के बाद पहली बार ईसीपी के समक्ष पेश हुए। हालांकि, ईसीपी के समक्ष पेश होने के बजाय तीनों ने ईसीपी नोटिस और अवमानना कार्यवाही को विभिन्न उच्च न्यायालयों में इस आधार पर चुनौती दी थी कि चुनाव अधिनियम 2017की धारा 10 (जो अवमानना के लिए दंडित करने की आयोग की शक्ति से संबंधित वैधानिक प्रावधान है) संविधान के खिलाफ है।
पीटीआई नेताओं ने उच्च न्यायालयों से आरोपों से राहत देने की भी मांग की थी। लेकिन जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने ईसीपी को उनके खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दे दी थी और 21 जून को ईसीपी ने तीनों के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया था। 11 जुलाई की सुनवाई में वे तलब किए जाने के बावजूद आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए, जिसके बाद ईसीपी ने चौधरी और खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत ने हालांकि उमर के वकील की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था जिसमें उन्हें सुनवाई से छूट देने का अनुरोध किया गया था।
मंगलवार की सुनवाई के दौरान खान अपने वकील शोएब शाहीन के साथ ईसीपी पीठ के समक्ष पेश हुए। डॉन अखबार की खबर के अनुसार ईसीपी पीठ के एक सदस्य ने कहा कि उनका इरादा इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को आरोपित करने का था। हालांकि अखबार ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने चुनाव आयोग से सुनवाई टालने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें मामले का रिकॉर्ड जुटाने के लिए और समय चाहिए। इसके जवाब में ईसीपी ने कहा, ‘फाइल और केस रिकॉर्ड को मैनेज करना आपकी जिम्मेदारी है।’ इसके बाद, ईसीपी ने वकील की याचिका को स्वीकार कर लिया और अभियोग को 2 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया। अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई के दौरान खान की उपस्थिति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सुनवाई के बाद पत्रकारों ने खान से पूछा कि क्या वह आयोग से माफी मांगेंगे। उन्होंने जवाब दिया, क्या आपको लगता है कि मुझे माफी मांगनी चाहिए? जब मैंने कोई गलती नहीं की तो मैं माफी क्यों मांगूं? जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या वह ‘और अधिक यू-टर्न लेंगे’, खान ने कहा कि वह ‘यू-टर्न लेते रहेंगे’। एक अन्य पत्रकार ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इमरान वकील बन गए हैं, इस पर पीटीआई प्रमुख ने कहा, ‘इतने मामलों के बाद मैं वकील बन गया हूं।’ खान विभिन्न अदालतों में कई मामलों का सामना कर रहे हैं, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में सत्ता से हटाए जाने के बाद तय किया गया था। कभी खान के कट्टर समर्थक रहे चौधरी ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुई हिंसा के बाद पीटीआई छोड़ दी थी। पीटीआई के पूर्व नेता चौधरी ने 20 जुलाई को चुनाव आयोग द्वारा उनके खिलाफ दायर अवमानना मामले में ईसीपी से माफी मांगी थी।