विदेश भागने का इरादा नहीं, वहां न मेरी कोई संपत्ति, न ही कारोबार: इमरान खान

 इमरान खान

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने देश से बाहर जाने पर रोक लगाने को लेकर शुक्रवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि विदेश भागने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा मेरी न तो विदेश में कोई संपत्ति है और न ही कोई कारोबार है। खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के अन्य नेताओं को कथित तौर पर देश छोड़ने से रोक दिया गया है। खान ने कहा, नो-फ्लाई सूची में नाम डालने के लिए सरकार का शुक्रिया। इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा, मैं ईसीएल पर अपना नाम डालने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि मेरी विदेश यात्रा की कोई योजना नहीं है, क्योंकि न तो विदेश में मेरी कोई संपत्ति या व्यवसाय है और न ही देश के बाहर कोई बैंक खाता है। उन्होंने कहा, अगर मुझे छुट्टी मनाने का मौका मिलता है, तो मैं हमारे उत्तरी पहाड़ों में जाऊंगा, पृथ्वी पर वह मेरी पसंदीदा जगह है।

निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। वह उन व्यक्तियों पर निगरानी रखती है, जिन्हें लंबित अदालती मामलों या अन्य कारणों से देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। गुरुवार को जानकारी दी गई थी कि पाकिस्तान सरकार ने खान, उनकी पत्नी और पार्टी के लगभग 80 लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान में नौ मई को हिंसक व आतंकी गतिविधियों को लेकर इमरान खान की पार्टी से एक और वरिष्ठ नेता फिरदौस आशिक अवान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, पूर्व पीएम और पाकिस्तान एक साथ नहीं चल सकती हैं। 53 वर्षीय अवान सूचना-प्रसारण पर पीएम की विशेष सहायक रही थीं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शुक्रवार को देश के अधिकारियों से तत्काल बातचीत की अपील की। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि उनके शीर्ष सहयोगियों और समर्थकों पर कार्रवाई के बीच उन पर दबाव बढ़ गया है।  इमरान खान की पार्टी के हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया और साथ ही कई लोगों ने उनकी पार्टी छोड़ दी है। यह दमन इस महीने की शुरुआत में शुरू हुआ था जब इमरान के समर्थकों ने नौ मई को उनकी संक्षिप्त गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया था। इमरान ने यू-ट्यूब पर प्रसारित एक लाइव वार्ता में देश को अराजकता की ओर ले जाने की चेतावनी देते हुए कहा कि मैं बातचीत की अपील करना चाहता हूं क्योंकि अभी जो हो रहा है वह इसका समाधान नहीं है।

पाकिस्तान अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके कारण राजनीतिक अशांति बिगड़ गई है। मुद्रास्फीति रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, आर्थिक विकास कमजोर हो गया है और ऐसी आशंकाएं हैं कि देश बाहरी ऋणों पर डिफॉल्ट घोषित हो सकता है, जब तक कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष लंबित राशि को अनलॉक नहीं करता।

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