मॉस्को/बिच्छू डॉट कॉम। रूस और यूक्रेन के बीच इसी साल 24 फरवरी से युद्ध जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि वह रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत को तैयार हैं, बशर्ते वह यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस बुलाएं। इसके बाद, अब क्रेमलिन की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। क्रेमलिन ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन में संघर्ष के संभावित समाधान पर बातचीत के लिए तैयार हैं और वह कूटनीतिक समाधान में भरोसा रखते हैं। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ अपने संबोधन में बाइडन ने कहा, इस युद्ध को खत्म करने का एकमात्र तरीका यह है कि सबसे पहले पुतिन अपनी सेना को यूक्रेन से बाहर निकालें। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि वो ये करने वाले हैं। ऐसा न कर पाने के लिए उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, लेकिन वो यूक्रेन में आम लोगों की मौत की वजह बन रहे हैं। वो अस्पतालों, नर्सरी स्कूलों पर बम बरसा रहे हैं। वो जो कर रहे हैं, वो ठीक नहीं है। बाइडन ने कहा था कि अगर वह (रूस-यूक्रेन) संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं, तो वह क्रेमलिन प्रमुख से बातचीत के लिए तैयार हैं।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने जोर देकर कहा, व्लादिमीर पुतिन बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन रूस, यूक्रेन से बाहर नहीं निकलेगा। पेस्कोव ने कहा, रूसी संघ के अध्यक्ष के दरवाजे हमेशा अपने हितों को सुनिश्चित करने के लिए बातचीत के लिए खुले रहे हैं। क्रेमलिन के मुताबिक, व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्हें यूक्रेन पर हमला करने को लेकर कोई पछतावा नहीं है और वह इसे एक ऐतिहासिक क्षण मानते हैं, रूस आखिरकार अहंकारी पश्चिमी आधिपत्य के खिलाफ खड़ा हुआ। दिमित्री पेस्कोव ने कहा, अमेरिका द्वारा ‘नए इलाकों’ को रूसी के रूप में मान्यता देने से इनकार करना किसी भी तरह के समझौते की राह में बाधा बन रहा है। पेस्कोव ने कहा, यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान जारी रहेगा।