अमेरिका ने पाकिस्तान को भाड़े की बंदूक की तरह प्रयोग किया: इमरान खान 

 इमरान खान 

इस्लामाबाद/बिच्छू डॉट कॉम। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने एक बार फिर अमेरिका के साथ अपने देश पाकिस्तान के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने गुरुवार को अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका पाकिस्तान का प्रयोग  ‘किराए की बंदूक’ की तर्ज पर कर रहा है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध बेहद सभ्य हैं। वहीं, इसकी तुलना में पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध बेहद अशोभनीय हैं। खास बात है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के आलाकमान ने पहली बार इस तरह का बयान नहीं दिया है। इससे पहले अप्रैल में उन्होंने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। हालांकि कुछ समय पहले उन्होंने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को सुधारने के संकेत भी दिए थे, लेकिन आज एक बार फिर उन्होंने इस तरह का बयान दे दिया।

अमेरिकी पब्लिक ब्रॉडकास्टर पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस द्वारा उनके हाल के यू-टर्न और उनकी पिछली टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर इमरान खान ने ये आरोप लगाए। पूर्व में दिए गए उनके बयान ‘अमेरिका पाकिस्तान को गुलाम की तरह मानता है पर खान ने कहा कि मेरा सिर्फ इतना कहना है कि पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध असंतुलित हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक तथ्य है।’

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख ने इमरान खान ने कहा कि इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के रिश्ते ‘मालिक-नौकर’ जैसे हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान को अमेरिका ने ‘भाड़े की बंदूक’ (hired gun) की तरह इस्तेमाल किया। इमरान ने इसके लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराया। पूर्व पीएम ने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते मालिक-गुलाम के रहे हैं, लेकिन इसके लिए मैं अमेरिका के बजाए अपने देश की सरकारों को दोष देता हूं। अपने तर्क को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों का उदाहरण भी दिया। गौरतलब है कि इमरान खान को बीते अप्रैल माह में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पाकिस्तान की सत्ता से बाहर कर दिया था। उन्होंने इसी महीने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर वह फिर से चुने जाते हैं तो वह अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में उन्हें हटाने के लिए इसे दोष नहीं देते हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, सिर्फ शासन परिवर्तन के कारण, इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि मुझे अमेरिका के साथ भविष्य के संबंध नहीं रखने चाहिए। मुझे आलोचना करने का अधिकार है। अमेरिका में लोकतंत्र है और लोकतंत्र को आलोचनाों को स्वीकार करना चाहिए। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने इससे पहले अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उसने उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची थी। खान ने भारत की तारीफ करते हुए कहा था कि उसने अपनी जनता की खातिर यूक्रेन जंग के बाद भी अमेरिका के दबाव में आए बगैर रूस से तेल आयात जारी रखा। भारत अपनी जनता के हित को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भी अमेरिका का साझेदार बनना चाहता है, लेकिन ऐसा भी होना चाहिए कि कभी वह अमेरिका को ना कह सके। 

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