पाकिस्तान में भीषण बाढ़ से पसीजा एंजेलिना जोली का दिल

एंजेलिना जोली

बिच्छू डॉट कॉम। पाकिस्तान जून के मध्य से भीषण बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ संबंधी घटनाओं के चलते अब तक बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग घायल हुए हैं। बाढ़ के कारण 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। दुनिया के तमाम देश व एनजीओ बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। हॉलीवुड स्टार व समाजसेवी एंजेलिना जोली ने भी पाकिस्तान में भीषण बाढ़ की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। एंजेलिना जोली ने कहा है कि पाकिस्तान में आई बाढ़ आपदा जलवायु परिवर्तन के संबंध में दुनिया के लिए आंख खोलने वाली घटना होनी चाहिए। पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों से मिलने के बाद उन्होंने और अधिक अंतरराष्ट्रीय सहायता का आह्वान किया।

एंजेलिना जोली ने गुरुवार को जारी एक वीडियो फुटेज में कहा, “मैंने पहले ऐसा कभी नहीं देखा।” बता दें कि इससे पहले एंजेलिना जोली 2010 की विनाशकारी बाढ़ और 2005 में आए भीषण भूकंप के पीड़ितों से मिलने के लिए भी पाकिस्तान गईं थीं। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान अभूतपूर्व मानसूनी बारिश से त्रस्त है। देश का एक तिहाई हिस्सा यानी ब्रिटेन के आकार के बराबर हिस्सा पानी में डूबा है। लगभग 1,600 लोग मारे गए हैं। 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। हजारों लोग बिना किसी सुरक्षा के अस्थायी टेंटों में रह रहे हैं। लोगों को स्वच्छ पेयजल व अन्य कई सुविधाओं तक पहुंच नहीं है। एंजेलिना जोली ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में नागरिक और सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को और अधिक (मदद) करने के लिए प्रेरित करने में मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं। मुझे लगता है कि यह दुनिया के लिए एक आंख खोल देने वाली घटना है। जलवायु परिवर्तन केवल हकीकत ही नहीं है, बल्कि ये हो चुकी है।” जोली शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। उन्होंने पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत का दौरा किया, जो सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने शिविरों में रहने वाले विस्थापित बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की।

संयुक्त राष्ट्र ने डेंगू, मलेरिया, हैजा और दस्त जैसी बीमारियों के साथ-साथ कुपोषण से “दूसरी आपदा” की चेतावनी दी है। जोली ने कहा, “मैं लोगों से बात कर रही हूं और सोच रही हूं कि अगर उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिली, तो वे अगले कुछ हफ्तों में यहां नहीं आएंगे, वे बच नहीं पाएंगे।” वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड तोड़ मानसूनी बारिश को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा है।

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